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दिल्ली। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए बीजेपी, कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी ने चुनावी तैयारियां काफी जोरों से चल रही है. हिमाचल प्रदेश में वर्तमान में भाजपा की जयराम ठाकुर की सरकार चल रही है. वहीं भाजपा इस बार हिमाचल में 5 साल में सत्ता बदलने के मिथक को तोड़ने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है. हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं. इनमें भरमौर विधानसभा सीट का अपना अलग महत्व है. कहते हैं कि इस सीट पर जीत दर्ज करने वाले दल की राज्य में सरकार बनती है. 2017 के चुनाव मे बीजेपी ने जीत दर्ज की थी लेकिन बाद में 2021 में इस सीट पर उपचुनाव में जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिभा सिंह की जीत हुई. उन्होने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को 7000 वोटों से हराया था. यह विधानसभा सीट उन तीन विधानसभा सीटों में शामिल है जिन पर 2021 में उपचुनाव हुए थे. इन सभी सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था. इसी वजह से इस बार भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश की चुनावी तैयारियों में कुछ ज्यादा ही व्यस्त है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह राज्य भी हिमाचल प्रदेश है. ऐसे में इस प्रदेश का विधानसभा चुनाव और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है.
हिमाचल प्रदेश की भरमौर विधानसभा सीट पर 2017 में भारतीय जनता पार्टी के जियालाल में जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी को 7 हजार से ज्यादा मतों से हराया था, लेकिन बाद में इस सीट पर 2021 में उपचुनाव हुए इसमें भाजपा को हार का सामना करना पड़ा. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस के ठाकुर सिंह भरमौरी ने जीत दर्ज की थी. 2007 में भाजपा के प्रत्याशी जियालाल ने जीत दर्ज की जबकि 2002 में कांग्रेस के ठक्कर सिंह की जीत हुई. इस विधानसभा सीट का इतिहास है कि कोई भी विधायक लगातार दो बार चुनाव में जीत नहीं दर्ज कर सका है. इसी वजह से जिस पार्टी की सरकार होती है उसी पार्टी का विधायक भी यहां चुना जाता है।
हिमाचल प्रदेश की भरमौर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां पर गद्दी जनजाति के मतदाताओं की सबसे ज्यादा संख्या है. इस जनजाति के लोग भेड़ बकरियों का पालन करते हैं. यही उनके जीवनयापन का प्रमुख आधार भी है .इसके अलावा यहां पर राजपूत और दलित जाति के मतदाताओं की संख्या भी है.