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Nilmani Pal
16 April 2022 6:31 AM GMT
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तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मदुरै में चिथिराई उत्सव (Madurai Chithirai Festival) मनाया जा रहा है. ऐसे में भक्तों की भारी भीड़ वैगई नदी (Vaigai River) में भगवान कल्लाझगर (Lord Kallazhagar) की एंट्री को देखने के लिए यहां पहुंची है. ये शैव-वैष्णव एकता के लिए किया जाता है. मदुरै सरकारी अस्पताल (Madurai Government Hospital) के डीन ए रथिनवेल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बताया कि वैगई नदी में भगवान कल्लाझगर की एंट्री के दौरान भीड़ की वजह से कुचले जाने से दो लोगों की मौत हो गई है. इस उत्सव में हिस्सा लेने के लिए हर साल हजारों लोग मदुरै पहुंचते हैं.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने सीएम के सामान्य राहत कोष से दोनों मृतकों के परिवारों को 5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल 7 लोगों को 1 लाख रुपये देने का ऐलान किया है.

चिथिराई उत्सव के तहत शुक्रवार को लाखों श्रद्धालु चारों मासी सड़कों पर उमड़ पड़े और मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर (Meenakshi Sundareswarar Temple) के लकड़ी के मंदिर की कारों को खींचा. मीनाक्षी, सुंदरेश्वर, और पिरियाविदाई भगवानों को पारंपरिक आभूषणों से सजाया गया और मंदिर से जुलूस को कीला मासी गली में लाया गया. देवताओं सुंदरेश्वर और पिरियाविदाई को विशाल मंदिर कार में रखा गया था, जबकि देवी मीनाक्षी को पूजा और अनुष्ठानों के बाद एक छोटी मंदिर कार में रखा गया था. जुलूस से पहले अन्य देवी-देवताओं को पालकी में बिठाया गया. करुप्पासामी मंदिर में एक विशेष पूजा के बाद, मंदिर की कारों को चार मासी सड़कों के आसपास ले जाया गया.

इससे पहले, तमिलनाडु में बुधवार को पूरे धार्मिक उत्साह और उल्लास के साथ तमिल नववर्ष 'पुथांडु शुभकृतु' मनाया गया. इस अवसर पर कई परिवारों ने दैवीय आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाकर पूजा के साथ तमिल नववर्ष की शुरुआत की. मंदिरों के शहर के नाम से विख्यात मदुरै में एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन के तहत मंदिर में हजारों भक्तों की उपस्थिति में भगवान सुंदरेश्वर के साथ देवी मीनाक्षी का दिव्य विवाह किया गया. प्रसिद्ध श्री मीनाक्षी सुंदरेश्वर मंदिर में वार्षिक चिथिराई उत्सव के 10वें दिन होने वाले दैविक विवाह से पहले, विवाह मंच को ढेर सारे फूलों से सजाया गया था. लोगों की मान्यता है कि इस दैविक विवाह के अवसर पर मंदिर में होना बहुत शुभ होता है.

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