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Nilmani Pal
22 Sep 2022 10:30 AM GMT
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दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव की अधिसूचना गुरुवार से जारी हो गई है और 24 सितंबर से नामांकन भरे जाने हैं. दो दशक में पहली बार गांधी परिवार से कोई कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में उतर नहीं रहा. शशि थरूर के चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का चुनाव लड़ना तय है. ऐसे में राजस्थान में नेतृत्व बदलाव को लेकर भी चर्चा तेज हैं, लेकिन सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने की राह में सिर्फ गहलोत ही नहीं बल्कि कई सियासी रोड़े हैं.



कांग्रेस अध्यक्ष पद को संभालने के लिए अशोक गहलोत तैयार हैं, लेकिन राजस्थान में अपना सियासी उत्तराधिकारी सचिन पायलट को मानने के पक्ष में नहीं हैं. यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के साथ-साथ मुख्यमंत्री पद पर गहलोत बने रहना चाहते हैं. गहलोत ने अपनी ओर से स्पष्ट किया है कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव होने तक राजस्थान में पावर ट्रांसफर नहीं करना चाहते हैं. चाहे वह सचिन पायलट हों या ऐसा कोई उम्मीदवार ही जिसके नाम पर आम सहमति हो. गहलोत चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष भले ही बन जाएं, लेकिन राजस्थान की सत्ता में वो बने रहना चाहते हैं. चाहे वह खुद मुख्यमंत्री बने रहें या ऐसा कोई सीएम बने जो उनको स्वीकार्य हो.

सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भले ही उनके समर्थकों के द्वारा उठाई जा रही हो, लेकिन विधायकों का समर्थन उन्हें नहीं मिल पा रहा. सीएम गहलोत के बुलाने पर कांग्रेस के विधायक उनके घर पर पहुंचे थे. गहलोत का ये शक्ति प्रदर्शन था. यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को यह बताने का तरीका था कि उन्हें राज्य के अधिकांश विधायकों का समर्थन प्राप्त है.

यही नहीं पायलट के साथ 2020 में बगावती रुख अपनाने वाले विधायकों में से कई लोग अब गहलोत खेमे में खड़े हैं. ऐसे में पायलट को सीएम की कुर्सी सौंपना कांग्रेस नेतृत्व के लिए आसान नहीं है. राजस्थान सरकार में गहलोत के समर्थकों के साथ-साथ विधायक सचिन पायलट के नीचे काम नहीं करना चाहते. उनमें से कुछ का तर्क है कि उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करना जिसने कथित तौर पर पार्टी के खिलाफ विद्रोह किया था. राजस्थान सरकार में मंत्री अशोक चंदना द्वारा सचिन पायलट पर हालिया हमला भी दिखाता है कि उनका समर्थन कम है.

इसके अलावा राजस्थान में कांग्रेस के कई विधायक वरिष्ठ हैं, जो सचिन पायलट के अंडर में काम करने के लिए राजी नहीं है. ऐसे में कांग्रेस पायलट को सीएम बनाकर किसी तरह का कोई जोखिम भरा कदम नहीं उठाना चाहती है.


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