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कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कोई दावेदारी सामने नहीं आई है है. ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की. इस दौरान सोनिया गांधी ने गहलोत से कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने का आग्रह किया. हालांकि, गहलोत ने कहा है कि वह इस बारे में नहीं जानते और उन्हें इस बारे में मीडिया से पता चला है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है, वह उसे पूरा कर रहे हैं.
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुजरात चुनाव के पर्यवेक्षक हैं. ऐसे में गहलोत अहमदाबाद जाने से पहले दस जनपथ पर बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली आए थे. ऐसे में सोनिया से मुलाकात के बाद उनका नाम कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चर्चा में है, लेकिन पार्टी की ओर से कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है. हालांकि, गहलोत आलाकमान की पसंदीदा नेता माने जाते हैं, क्योंकि वह गांधी परिवार के भरोसेमंद चेहरा हैं. इतना ही नहीं उनके पास राजनीतिक और संगठन के तौर पर भी लंबा अनुभव है. वो पुराने और नए नेताओं के बीच स्वीकार्य भी हो सकते हैं. वहीं भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने कहा कि भूपेश सरकार डर चुकी है. पुलिस डर चुकी है. युवा मोर्चा अध्यक्ष बनने के बाद कई राज्यों के आंदोलनों में मैं भाग ले चुका हूं, लेकिन छत्तीसगढ़ के युवा मोर्चा ने जिस तरह से आंदोलन किया है, जिस तरह से सरकार को डरा दिया है. ऐसा आंदोलन मैंने नहीं देखा है. मैं हनुमान की जन्म स्थली कर्नाटक से आता हूं, आज श्री राम के ननिहाल आया हूं. ये संघर्ष करने का समय है, लाठी खाने का समय है, सरकार को उखाड़कर फेंकने का समय है.
सूर्या ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में ये सरकार सबसे भ्रष्टतम सरकार है. भूपेश बघेल चीफ मिनिस्टर नहीं है, वह सोनिया गांधी के कलेक्शन मास्टर हैं. युवा मोर्चा तीन महीने का समय सरकार को दे रहा है कि सरकारी नौकरी के रिक्त पदों को भरे. अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए. युवा मोर्चा पीछे पड़कर ये काम करवाएगा. दिसम्बर महीने में युवा मोर्चा फिर एक बार हुंकार करेगा. इस हुंकार से कुर्सी हिल गई है. अगले हुंकार में सरकार गिरना तय है.