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Nilmani Pal
16 Oct 2022 8:30 AM GMT
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जाने-माने उद्योगपति और वेदांता ग्रुप (Vedanta Chairman) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने मेपल सिरप और पैनकेक के जरिए छात्रों का सफलता का मूलमंत्र दिया. उन्होंने कनाडा के टोरंटो विश्वविद्यालय में छात्रों से चर्चा के दौरान अपने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सपनों को उड़ान देने के लिए आरामदायक क्षेत्रों (Comfort Zone) से दूर जाना बहुत जरूरी है.

हाल ही में अनिल अग्रवाल ने गुजरात में देश का पहला सेमीकंडक्टर चिप प्लांट स्थापित करने के लिए 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है. वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Limited) के फाउंडर और अध्यक्ष अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) ने वर्क एथिक्स और जीवन में सफलता के बारे में युवाओं के साथ अपने विचार साझा किये. भारतीय उद्योगपति ने बीते दिनों टोरंटो विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद अपने लिंक्डइन अकाउंट पर इश मुलाकात के दौरान साझा किए गए विचारों का जिक्र किया.

उन्होंने कहा कि सफल (Successful) होने पर विनम्रता (Humility) को कभी नहीं भूलना चाहिए. पहली पीढ़ी के उद्यमी अग्रवाल ने कहा कि सफलता का स्वाद चखने के बाद भी जमीन पर टिके रहना जरूरी है. अनिल अग्रवाल ने छात्रों से मुलाकात के दौरान उन्हें कुछ अलग अंदाज में सफलता का मूल मंत्र दिया. उन्होंने छात्रों को मेपल सिरप (Maple Syrup) और पैन केक्स (Pancakes) का उदाहरण दिया. अनिल अग्रवाल ने कहा कि छात्रों को मेरी सलाह थी कि बड़े सपने देखने से कभी न हिचकिचाएं और हमेशा विनम्र बने रहें.

ये ठीक उस तरह है जैसे मेपल सिरप मिलाने पर पैनकेक्स का स्वाद मीठा होता है, उसी तरह विनम्रता के साथ जोड़े जाने पर सफलता का स्वाद भी मीठा हो जाता है. इसलिए सफलता मिलने पर भी विनम्र बने रहना जरूरी है. वेदांता चेयरमैन (Vedanta Chairman) ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों से कहा कि सपनों को पूरा करने के लिए अपने कम्फर्ट जोन से दूर जाना जरूरी है. एक सपने देखने वाले के रूप में, मुझे उस जगह से दूर जाना पड़ा जहां मैंने घर बनाया, अपने कम्फर्ड जोन को पीछे छोड़ दिया था.

आपने भी कभी न कभी इसका अनुभव किया होगा. हालांकि, शहरों और देशों से दूर जाने का यह अनुभव कठिन होता है. गौरतलब है कि वेदांता पटना में एक छोटी इकाई से शुरू हुई और 2003 में लंदन स्टॉक एक्सचेंज (London Stock Exchange) में लिस्टेड होने वाली पहली भारतीय कंपनी बनी.

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