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Nilmani Pal
1 Oct 2022 8:30 AM GMT
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राजस्थान। राजस्थान में अशोक गहलोत गुट के बागी विधायकों ने एक बार फिर हाईकमान को चुनौती दी है. इन विधायकों की तरफ से एक अल्टीमेटम जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, विधायकों ने कहा है कि दिल्ली से जब तक अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री पद पर रहने का ऐलान नहीं होगा, तब तक इस्तीफा वापस नहीं लेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस हाईकमान गहलोत के खिलाफ फैसला लेता है तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी.

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी हाईकमान अशोक गहलोत के नाम पर विचार कर रहा था. ऐसे में उनकी जगह राजस्थान के सीएम पद पर सचिन पायलट की ताजपोशी किए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस संबंध में पार्टी की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर भेजा गया था. दोनों ऑब्जर्वर को विधायक दल की बैठक लेना था. उससे पहले ही गहलोत समर्थक विधायकों ने मंत्री शांति धारीवाल के घर एकत्रित होकर सामूहिक इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिए.

इन विधायकों का कहना था कि बिना भरोसे में लिए पार्टी सचिन पायलट को राजस्थान का उत्तराधिकारी बनाने जा रही है. जबकि पायलट गुट ने दो साल पहले 18 विधायकों के साथ बगावत की थी. ऐसे में पायलट को मुख्यमंत्री बनाना स्वीकार नहीं होगा. बागी विधायकों ने ये भी कहा था कि पार्टी हाईकमान 102 विधायकों (गहलोत कैंप) में से किसी को भी मुख्यमंत्री के लिए चुन सकती है. लेकिन, पायलट का समर्थन नहीं करेंगे.

इतना ही नहीं, इन विधायकों ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन पर खुलकर हमला बोला था और कहा था कि माकन यहां पक्षपात पूर्ण रवैये से काम कर रहे हैं. वे जयपुर में एक एजेंडे के साथ आए हैं और पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं. माकन विधायकों को कन्वेंस भी करने में जुटे हैं. हालांकि, बाद में कांग्रेस हाईकमान ने इस पूरे मामले में पर्यवेक्षकों से रिपोर्ट तलब की और तीन विधायकों नोटिस जारी किया था. जबकि गहलोत को क्लीन चिट दे दी गई थी.

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