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दिल्ली। किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत की गई थी. इसके लिए पात्रता की शर्तें भी निर्धारित की गई थीं. लेकिन इन शर्तों को ताक पर रखकर अपात्रों ने भी इसका लाभ लिया. मैनपुरी में तो ब्लॉक प्रमुख से लेकर राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष तक ने सम्मान निधि का लाभ लिया. अब मामले पकड़ में आने पर इनसे रिकवरी की जाएगी.
कृषि विभाग द्वारा लगातार अपात्रों से किसान सम्मान निधि छोडऩे के लिए अपील की जा रही है. इसके बाद भी कम ही लोग इसके लिए आगे आ रहे हैं. इसे देखते हुए खुद ही कृषि विभाग ने पात्रता की शर्तों की कसौटी पर किसान सम्मान निधि पाने वालों को कसना शुरू कर दिया है. इसके बाद ही अपात्रों के नाम बाहर आने लगे हैं.
इस बार मैनपुरी आयकरदाताओं की एक सूची कृषि विभाग ने तैयार की है. इसमें 2722 आयकरदाता ऐसे सामने आए हैं जिन्होंने किसान सम्मान निधि का लाभ लिया. इन लोगों ने 2.41 करोड़ रुपये की सम्मान निधि केंद्र सरकार से प्राप्त की. अब इसकी वसूली की कार्रवाई शुरू हो गई है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा रिकवरी के नोटिस तैयार किए जा रहे हैं. साथ ही संबंधित लोगों के बैंक खातों को होल्ड करने के लिए भी अग्रणी जिला प्रबंधक को सूची भेजी गई है.
जो धनराशि खातों में पड़ी है उसे तो सीधे केंद्र सरकार के खाते में जमा करा दिया जाएगा. वहीं अगर खाते में धनराशि नहीं है तो उसे संबंधित व्यक्ति से वसूल किया जाएगा. वसूली आदेश जारी होने की सूचना पर अपात्रों में खलबली मच गई है.कृषि विभाग द्वारा अपात्रों से स्वयं ही सम्मान निधि की धनराशि लौटाने की अपील की जा रही है. इसके बाद जिले में कुल 2722 आयकरदाताओं में से 640 ने किसान सम्मान निधि लौटा दी है. उन्होंने कुल 35 लाख रुपये की धनराशि केंद्र सरकार के खाते में जमा कर दी है.
