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Nilmani Pal
6 Aug 2022 8:41 AM GMT
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आलिया भट्ट (Alia Bhatt) की फिल्म डार्लिंग्स (Darlings) की काफी दिनों से चर्चा हो रही थी. आखिरकार फिल्म 5 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है. फिल्म में आलिया भट्ट के अलावा शेफाली शाह और विजय वर्मा भी अहम किरदार में हैं. पता नहीं आप में से कितने लोग होंगे जिन्होंने आलिया की डार्लिंग्स देख ली है. पर जिन्होंने फिल्म देखी है, क्या वो डार्लिंग्स की उन खामियों को नोटिस कर पाये, जो हमने की है? नहीं किया है, तो चलिये हम ही बता देते हैं.

आलिया भट्ट और शेफाली शाह स्टारर फिल्म की कहानी घरेलू हिंसा पर आधारित है. पर असल में घरेलू हिंसा के नाम पर दर्शकों के सामने एक कमजोर कहानी को पेश किया गया है. शुरुआत के 40 मिनट तक कहानी को इतना खींचा गया कि आलिया यानि बदरू पर होने वाले अत्याचार आपको काफी मामूली बात लगने लगते हैं. जो कि नहीं लगने चाहिये थे.

फिल्म रिलीज होने से पहले बताया गया था कि डार्लिंग्स की कहानी डार्क कॉमेडी है. पर सच कहें, तो फिल्म देखते हुए कोई भी पंचलाइन ऐसी नहीं थी जिस पर आप हंस सकें. डार्क कॉमेडी कहकर डार्लिंग्स में घिसे-पिटे पुराने और वही सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले पंच दोहराये गये हैं. 2 घंटे 14 मिनट की फिल्म में आप इसी आस में बैठते हैं कि अब कोई कॉमेडी होगी, लेकिन ऐसा होता नहीं है. बस हां फिल्म में उस सीन में थोड़ी सी हंसी जरूर आती है जब जुल्फी (रोशन मैथ्यू) पुलिस के सामने कहता है कि उसे बदरू नहीं, बल्कि खाला (शेफाली शाह) क्यूट लगती हैं. छोटे से रोल में रोशन मैथ्यू ने अच्छा काम किया है.

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