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Nilmani Pal
25 May 2022 8:33 AM GMT
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दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जाने माने वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) को कांग्रेस (Congress) ने आखिर वक्त तक इस्तीफा वापस लेने और पार्टी न छोड़ने के लिए उनकी काफी मान मन्नोवल की लेकिन सिब्बल कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर चुके थे. कपिल सिब्बल ने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दिया और आज यानी कि बुधवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की साइकिल पर सवार हो गए. कपिल सिब्बल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक कपिल सिब्बल के इस्तीतीफे के दो दिन बाद चिंतन शिविर में इस बात को लेकर चर्चा हुई थी. सोनिया गांधी ने उन्हें इस्तीफा वापस लेने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने कहा कि डिफरेंस इतने बढ़ गए हैं कि अब कुछ नहीं हो सकता है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी चिंतन शिविर की मीटिंग में मौजूद थी और उन्होंने भी कपिल सिब्बल को समझाने का प्रयास किया था.

लखनऊ में समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा का नामांकन भरने के बाद कपिल सिब्बल ने मीडिया से कहा, मैं कांग्रेस के बारे में कुछ नहीं कहूंगा. मैंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए मेरे लिए कांग्रेस के बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं है. सिब्बल ने कहा कि 30-31 साल के रिश्ते को छोड़ना आसान नहीं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा का नामांकन भरने के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, मैंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए नामांकन भरा है.मैं अखिलेश यादव का आभारी हूं कि उन्होंने मेरा समर्थन किया. मैं आजम ख़ान के प्रति भी आभार प्रकट करता हूं.कपिल सिब्बल ने आगे कहा, हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने कि मोदी सरकार की जो खामियां हैं, उसे जनता तक पहुंचाया जा सकें. मैं इसका प्रयास करूंगा. सिब्बल ने आगे कहा, मैं समझता हूं कि जब एक निर्दलीय की आवाज उठेगी तो लोगों को ऐसा लगेगा कि वे किसी पार्टी से नहीं जुड़े हुए हैं। हम विपक्ष में रहकर गठबंधन बनाना चाहते हैं ताकि हम मोदी सरकार का विरोध करें.

मालूम हो कि कपिल सिब्बल लगातार लंबे समय से कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे. सिब्बल ने कई बार चुनाव में पार्टी की हार पर भी मुखर तौर पर बयानबाजी की. सिब्बल खेमे में यह नाराजगी रही कि पार्टी के लिए हर संभव कोशिश करने के बावजूद भी उन्हें उनका हक नहीं दिया गया. कांग्रेस ने जब G-23 समूह बनाया तो उसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को शामिल किया गया लेकिन कपिल सिब्बल को उसका प्रस्ताव तक नहीं दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि कपिल सिब्बल को G-23 का प्रस्ताव तब आया जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया था.


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