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यूपी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है और राज्य में लगातार गर्मी में इजाफा हो रहा है. वहीं त्योहारी सीजन के बीच बिजली विभाग के इंजीनियर्स ने पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन (Uttar Pradesh Power Corporation) को बड़ा झटका दिया है. असल में शीर्ष प्रबंधन स्तर पर भ्रष्टाचार और कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए विभाग के 6000 से अधिक कनिष्ठ अभियंताओं और इंजीनियरों ने तीन दिन के सामूहिक अवकाश के लिए आवेदन किया है. इंजीनियर्स का कहना है कि वह 4 से 6 अप्रैल तक छुट्टी पर रहेंगे. वहीं निगम ने इंजीनियर्स की सामूहिक छुट्टी को गैरकानूनी बताया है.
असल में निगम को डर है कि इतनी बड़ी संख्या में इंजीनियरों के छुट्टी पर जाने की स्थिति में बिजली आपूर्ति में रुकावट आ सकती है. जबकि राज्य सरकार ने त्योहारी सीजन और परीक्षाओं को देखते हुए बिजली मुहैया कराने का दावा किया है. फिलहाल पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने सभी बिजली वितरण कंपनियों को आदेश दिया है कि वे इंजीनियर्स की छुट्टी को स्वीकार ना करें. केवल कर्मचारी के बीमार होने की स्थिति में ही उसे छुट्टी दी जाए या फिर शीर्ष प्रबंधन स्तर से अवकाश स्वीकृत किया जाए.
जानकारी के मुताबिक इंजीनियर्स ने ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने उनकी शिकायतों के समाधान के लिए ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा से हस्तक्षेप की मांग की है. वहीं जूनियर इंजीनियर्स ऑर्गनाइजेशन और इंजीनियर्स एसोसिएशन ने दावा किया है कि राज्य में करीब 10 हजार जूनियर इंजीनियर और इंजीनियर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. असल में राज्य में पिछले 13 दिनों से बिजली विभाग के अवर अभियंता व अभियंता असहयोग आंदोलन के जरिए अपना विरोध जता रहे हैं और अब उन्होंने सामूहिक अवकाश के लिए आवेदन किया.