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देखें LIVE वीडियो: डांस करते हुए मशहूर फॉरेंसिक एक्सपर्ट की हार्टअटैक से मौत, चल रहा था ये गाना

jantaserishta.com
19 Oct 2021 7:59 AM GMT
देखें LIVE वीडियो: डांस करते हुए मशहूर फॉरेंसिक एक्सपर्ट की हार्टअटैक से मौत, चल रहा था ये गाना
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भोपाल. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) में डॉक्टर्स की एक पार्टी की खुशियां अचानक ही मातम में बदल गई. सन 1975 के एमबीबीएस (MBBS) बैच के डॉक्टर्स (Doctors) की पार्टी बीते रविवार को एक निजी होटल में आयोजित की गई थी. इस पार्टी में प्रदेश के मशहूर फॉरेंसिक एक्सपर्ट डॉ. चन्द्रशेखर (CS) जैन भी गए थे. सभी डॉक्टर एक साथ फिल्मी गीत 'ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा…' गाकर डांस कर रहे थे. डांस करते करते डॉ. जैन अचानक ही फ्लोर पर गिर पड़े. साथी डॉक्टर्स ने जांच में पाया कि उनको दिल का दौरा पड़ा है. पार्टी में उस वक्त कार्डियोलॉजिस्ट सहित कई विभागों के 50 से ज्यादा सीनियर डॉक्टर मौजूद थे. सभी ने डॉक्टर जैन को बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए.

डॉक्टर्स की पार्टी की खुशियां पल भर में ही मातम में बदल गईं. डॉक्टर जैन की डीजे पर डांस करते ही धड़कने रूक गईं थीं. डॉक्टर जैन मेडिकोलीगल इंस्टीट्यूट में पदस्थ थे. साथी डॉक्टर्स ने बताया कि उन्हें कुछ समझ में आता, इससे पहले ही उनकी सांसें थम चुकी थीं. बताया जा रहा है कि मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई है. पार्टी में पुरुष के साथ ही कई महिलाएं भी मौजूद थीं.
डॉक्टर जैन अपने साथियों के साथ डीजे पर जब डांस कर रहे थे, उसी समय उनके एक साथ माइक लेकर 'ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा…' गीत गा रहे थे. कुछ साथ डॉक्टर जैन के साथ ही डांस कर रहे थे. जबकि कुछ लोग डांस देख व कुछ वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे. इसी दौरान अचानक डॉक्टर जैन फ्लोर पर गिर पड़े. घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें डॉक्टर जैन के गिरने के बाद साथी उन्हें संभालने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.
डॉ. जैन ने जीएमसी भोपाल में गृह विभाग के मेडिकोलीगल इंस्टीट्यूट में करीब 34 साल के सेवा काल में लगभग 12 हजार से ज्यादा पोस्टमार्टम किए. जिस वक्त उन्हें दिल का दौरा पड़ा उस वक्त पार्टी में कार्डियोलॉजी, एनेस्थिीसिया, ऑर्थोपेडिक्स सहित तमाम विभागों के सीनियर डॉक्टर मौजूद थे. एम्स भोपाल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की एचओडी डॉ. अरनीत अरोरा ने बताया कि वे काम के प्रति ऐसे समर्पित डॉक्टर थे कि शाम को पांच बजे के पांच मिनट पहले भी यदि कोई शव दूसरे जिले से रेफर होकर आया तो वे कहा करते थे कि नियम पांच बजे तक का है अभी पांच मिनट का टाइम है हम लाइट में पीएम करेंगे ताकि समय से परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव ले जा सकें. उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट इतनी साफ और सटीक हुआ करतीं थीं कि कोर्ट में कभी समझाने में समय नहीं लगता था. रेल्वे एक्सीडेंट सहित जिन हादसों में मरीजों हड्डियों में कई फ्रेक्चर होते थे पोस्टमार्टम रिपोर्ट के स्केच में वे हर फ्रेक्चर को नंबर के साथ लिखा करते थे.


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