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देखें 2 घंटे की LIVE बुलेटिन, सरकारी अधिकारी बिना स्वीकृति के करवा रहें हैं निर्माण कार्य

jantaserishta.com
26 Feb 2022 4:30 PM GMT
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डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत नवलश्याम में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए मिलकर निर्माण कार्यों में गजब का खेल कर रहे हैं. तीनों मिलकर नवलश्याम में कार्यों की बिना स्वीकृति और मस्टरोल के ही नियम विरुद्ध लाखों के कार्य ठेके पर करवा रहे हैं. ताजा मामले में इस तरह के करीब 25 लाख के काम ठेके पर करवाए गए हैं. जिला परिषद सीईओ ने मामले की जांच की बात कही है.



ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज का ध्येय है कि गांवों के विकास में ग्रामीणों की भागीदारी हो लेकिन, पंचायतीराज के इस ध्येय को डूंगरपुर जिले में पंचायत के सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए पलीता लगाने में लगे हैं. जिसमे सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए कार्यों की बिना स्वीकृत और मस्टरोल के ही नियमविरुद्ध लाखों के कार्य ठेकों पर करवा रहे हैं.
ताजा मामला डूंगरपुर जिले की बिछीवाड़ा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत नवलश्याम का है. जहां पर सरपंच गौरीशंकर, ग्राम विकास अधिकारी राजेन्द्र मनात और जेटीए मुकेश पंचायत राज के नियम कायदों से ऊपर हो गए हैं. सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए कार्यों की स्वीकृति निकलने से पहले और स्वीकृत कार्यों के मस्टरोल जारी किये बिना गांव मे लाखों रुपए की सड़कें ठेके पर बनवा रहे हैं.
मनरेगा योजना में पिपला चौराहा से राधेकृष्ण मन्दिर से रपट तक सीसी सड़क निर्माण की 14 लाख रुपए की स्वीकृति दिसंबर 2021 में जारी हुई थी. असल मे इस कार्य को करने के लिए मस्टररोल आज तक जारी नहीं हुए हैं लेकिन, सरपंच गौरीशंकर, ग्राम विकास अधिकारी राजेन्द्र मनात और जेटीए मुकेश ने एक माह पहले ही मौके पर पूरी सड़क ठेके पर बनवा दी है. जबकि, इस कार्य में स्वीकृति जारी होने के बाद मस्टरोल जारी कर स्थानीय लोगों को रोजगार देना होता है.
नवलश्याम पंचायत में 15वें वित्त आयोग मद में हीरा पटेल के घर से जागेश्वर मन्दिर तक सीसी सड़क मय नाली निर्माण के कार्य की स्वीकृति जिसकी लागत 5 लाख है 22 फरवरी 2022 को जारी हुई लेकिन, इस कार्य को स्वीकृति जारी होने के 12 दिन पहले ही सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी और जेटीए ने बिना मस्टरोल जारी किये ठेके पर बनवा दी है.
वहीं, नवलश्याम में एक मामले में नई बस्ती में एक सड़क निर्माणधीन है लेकिन, इस कार्य की ना तो कोई स्वीकृति है ना ही कोई सरकारी रिकॉर्ड उपलब्ध है. जब वित्तीय अनियमितता सामने आई तो सचिव ने एक बार तो काम रूकवा दिया. वहीं, बाद में खुद का बचाव करते हुए इस निर्माण कार्य को भामाशाह के जरिये करवाना बताया है.
इधर जब नवलश्याम पंचायत में निर्माण कार्यों के चल रहे अजीब खेल के बारे में पंचायत के सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी से बात करनी चाही तो दोनों ही सामने नहीं आये. वहीं, इस मामले में डूंगरपुर जिला परिषद के सीईओ आईएएस अतुल प्रकाश ने जांच करवाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.
डूंगरपुर जिले में पंचायतीराज योजना में गरीबों के हक की राशि का किस तरह डाका डालकर सरकारी नियमों की खिल्ली उड़ाई जा रही है इसकी नवलश्याम पंचायत बानगी मात्र है. जिले की अधिकतर पंचायतों में इसी तरह का खेल चल रहा है. बहराल मामला सामने आने के बाद जिला परिषद सीईओ जांच करवाने की बात कह रहे हैं लेकिन, देखना होगा कि हमेशा की तरह जांच के नाम पर लीपापोती ही होती है या दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो पाती है.
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