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चेतावनी! भारत को लेकर यूएन की डरावनी रिपोर्ट ने चौंकाया, किन सेक्टर्स पर होगा असर?

jantaserishta.com
14 Jan 2022 5:14 AM GMT
चेतावनी! भारत को लेकर यूएन की डरावनी रिपोर्ट ने चौंकाया, किन सेक्टर्स पर होगा असर?
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नई दिल्ली: देश में ओमिक्रॉन की वजह से कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2.64 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और 315 मरीजों की मौत हुई है. कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) को हल्के लक्षण और कम गंभीर बताया जा रहा है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने भारत के लिए डराने वाली चेतावनी जारी की है.

संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स 2022 (WESP 2022) रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि जैसा कहर भारत ने दूसरी लहर में झेला था, वैसा ही कहर फिर से झेलना पड़ सकता है.
संयुक्त राष्ट्र ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दूसरी लहर के दौरान अप्रैल से जून के बीच डेल्टा वैरिएंट की वजह से भारत में 2.40 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और इससे अर्थव्यवस्था में रुकावट आई थी. रिपोर्ट में चेताया गया है कि ऐसी ही स्थिति भारत में जल्द ही पैदा हो सकती है. हालांकि इस रिपोर्ट में ये नहीं बताया गया है कि ऐसी स्थिति ओमिक्रॉन की वजह से ही होगी और अगर ऐसी स्थिति बनी तो कितनी मौतें होने का अनुमान है. केस बढ़ने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी दबाव बढ़ेगा और ऐसे में दूसरी लहर जैसी स्थिति का फिर सामना करना पड़ सकता है.
गंभीर परेशानियों में है दक्षिण एशियाई देश
- संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना के चलते दक्षिण एशियाई देश गंभीर परेशानियों में घिर गए हैं. इससे उन्हें 2030 तक अपने प्रस्तावित लक्ष्यों को हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
- यूएन ने कहा कि उम्मीद से धीमी टीकाकरण की रफ्तार से कोरोना के नए-नए वैरिएंट्स सामने आ रहे हैं, जो देशों को खतरों से निपटने में कमजोर बना रहे हैं. वैक्सीन की आपूर्ति न होने से कुछ देशों में रिकवरी का ग्राफ लगातार नीचे गिर रहा है.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि दिसंबर 2021 तक बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में 26 फीसदी से भी कम आबादी का पूरी तरह वैक्सीनेशन हो पाया था. जबकि भूटान, मालदीव और श्रीलंका में 64 फीसदी आबादी ही पूरी तरह से वैक्सीनेटेड है.
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर रिपोर्ट में क्या बातें?
- वैक्सीनेशन में तेजी और कम प्रतिबंधों के कारण भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत रास्ते पर है. हालांकि, 2022 में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आ सकती है. 2021 में भारत की जीडीपी 9 फीसदी तक बढ़ी थी. जबकि, 2022 में भारत की अर्थव्यवस्था में 6.7% की ग्रोथ होने का अनुमान है.
- हालांकि, इसके बावजूद दक्षिण एशिया में भारत ही इकलौता ऐसा देश होगा जहां अर्थव्यस्था सबसे ज्यादा ग्रोथ करेगी. भारत के बाद बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था 6 फीसदी तक बढ़ने का अनुमान है. पाकिस्तान की जीडीपी में 3.9 फीसदी ग्रोथ हो सकती है.
- इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 2008-09 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस की तुलना में भारत आज ज्यादा मजबूत स्थिति में है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में जल्द ही गरीबी भी कम हो सकती है.
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