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1971 का युद्ध भारतीय सेना के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय - राजनाथ सिंह

Nilmani Pal
16 Dec 2021 2:20 PM GMT
1971 का युद्ध भारतीय सेना के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय - राजनाथ सिंह
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दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने गुरुवार को कहा कि स्वतंत्रता के 75वें साल में भी छावनियों में ऐसी कई सड़कें और इमारतें हैं जिनका नाम ब्रिटिश क्राउन के प्रति वफादार ब्रिटिश अधिकारियों और सैनिकों के नाम पर रखा गया है. साथ ही कहा कि रक्षा मंत्रालय और डीजीडी इस बात पर विचार करे​ कि ऐसी सभी सड़कों और भवनों का नाम हमारे बहादुर सैनिकों और आधुनिक भारत के निर्माताओं के नाम पर रखा जाना चाहिए.

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 50वें विजय दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को कहा कि 1971 का भारत-पाक युद्ध भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय है. भारत ने इस युद्ध में पाकिस्तान को मात दी थी. इसी युद्ध के बाद बांग्लादेश अस्तित्व में आया था. इस दिन को 'विजय दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. राजनाथ सिंह ने युद्ध में शहीद हुए सैन्य कर्मियों को भी श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि स्वर्णिम विजय दिवस के मौके पर हम 1971 के युद्ध में अपने सैन्य कर्मियों के पराक्रम और बलिदान को याद करते हैं. 1971 का युद्ध भारतीय सेना के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है. हमें अपने सैन्य बलों और उनकी उपलब्धियों पर गर्व है. लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने 16 दिसंबर, 1971 को भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी की संयुक्त सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसने बांग्लादेश के गठन का मार्ग प्रशस्त किया.

भारत 'विजय दिवस' की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है. रक्षा मंत्री ने इस युद्ध से जुड़ी कई तस्वीरें भी ट्विटर पर साझा कीं. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी विजय दिवस के अवसर पर स्वर्णिम विजय मशाल के सम्मान समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पोस्टल स्टाम्प जारी किया.


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