तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर बताकर दो करोड़ रुपये की एक्सटॉर्शन मनी मांगने के आरोप में दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक एक मार्च को एक बिजनेसमैन ने शिकायत दी थी जिसमें उसने बताया कि 23 जनवरी को उसे एक फ़ोन आया और उसने अपना नाम गैंगस्टर शक्ति बताया. फोन पर शख्स ने कहा कि वह तिहाड़ जेल से बोल रहा है और उसे दो दिन के भीतर दो करोड़ रुपये की प्रोटेक्शन मनी चाहिए. इसके बाद उसी दिन शाम लगभग 5 बजे बिजनेसमैन को दोबारा उसी नंबर से कॉल आया और रुपये की मांग की. इसके बाद एक मार्च को बिजनेसमैन को दूसरे नंबर से कॉल आया और पैसे न पहुंचाने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई. जिसके बाद पुलिस के पास पहुंचे बिजनेसमैन ने मामला दर्ज कराया. साथ ही मामले को गम्भीरता से लेते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने इसकी जांच शुरू कर दी.
क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर दिनेश कुमार और एसआई अरुण सिंधु ने तकनीकी जांच के आधार पर संदिग्धों के ठिकानों की पहचान की. जांच के दौरान पता चला कि संदिग्ध हरि नगर/जनकपुरी इलाके में सक्रिय है. जिसके बाद डीसीपी क्राइम (साइबर) भीष्म सिंह की अध्यक्षता में जांच के दायरे को बढ़ाते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली के उत्तम नगर इलाके एक शख्स को पकड़ लिया जिसकी पहचान सतीश के रूप में हुई.
पूछताछ के दौरान, सतीश ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. साथ ही तलाशी में उसके निजी मोबाइल फोन भी मिला, जिसमें उसके दोस्तों के साथ बातचीत रिकॉर्ड थी. इसके बाद सतीश के दोस्त दीपक सहरावत को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि आरोपी दीपक और सतीश शिकायतकर्ता बिजनेसमैन के परिसर के पास जनकपुरी में केमिस्ट शॉप में एक ही तरह की नौकरी कर रहे थे. आरोपी जल्दी पैसा कमाना चाहते थे इसीलिए दोनों आरोपियों ने शिकायतकर्ता से पैसा निकालने के लिए साजिश रच डाली.
आरोपियों ने साजिश को अंजाम देने के लिए दो सिम कार्ड और दो मोबाइल फोन की व्यवस्था की. जिसके बाद आरोपी दीपक ने शिकायतकर्ता को फोन किया और उसे धमकी देकर दो करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी के रूप देने की बात कही. वहीं दीपक ने साज़िश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अपने आपको तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर शक्ति बताया जिससे कि शिकायकर्ता डर जाए और जल्द पैसे दे दे.