भारत
सरकार के फैसले का इंतजार, कर्मचारियों के साथ उनके परिवार को भी वैक्सीन देंगी कंपनियां
Apurva Srivastav
28 April 2021 5:29 PM GMT
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एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों के साथ अपने एजेंटों को वैक्सीन देने का खर्चा भी उठाएगी।
एक मई, 2021 से देश में 18 वर्ष से ज्यादा आयु वर्ग के सभी लोगों को वैक्सीन लगाने के आदेश के बाद देश का कारपोरेट सेक्टर भी कोरोना का सुरक्षा कवच पहनने की तैयारी में है। कई कंपनियों ने न सिर्फ अपने कर्मचारियों बल्कि उनके परिवार के सभी सदस्यों को वैक्सीन दिलाने की तैयारी की है। कुछ कंपनियां तो अपने सारे वेंडरों और कच्चे माल व उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनियों में भी वैक्सीनेशन कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही हैं।
हालांकि इन कंपनियों के समक्ष वैक्सीन की उपलब्धता एक चुनौती है। इस बारे में कारपोरेट सेक्टर सरकार की तरफ से नियमों को लेकर और स्पष्टता का इंतजार कर रहा है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने अपनी कंपनी के सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को वैक्सीन लगवाने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि अभी तक कंपनी को वैक्सीन राज्य सरकार उपलब्ध करा रही थी और आगे भी राज्य सरकार के जरिये ही वैक्सीन लेने की कोशिश होगी।
दूसरी आटो कंपनियां अपने कलपुर्जे सप्लाई करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों को भी वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी में हैं ताकि अगर लाकडाउन लगे तो निर्माण पर कोई असर नहीं पड़े। जिन कंपनियों के अपने अस्पताल हैं, वे उसी के जरिये अपने कर्मचारियों को वैक्सीन दे रही हैं। टाटा और अदाणी समूह अपने सारे कर्मचारियों को अपने चिकित्सा केंद्रों के जरिये ही वैक्सीन दे रहे हैं।
एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों के साथ अपने एजेंटों को वैक्सीन देने का खर्चा भी उठाएगी। कर्मचारियों और एजेंटों को अपने परिवार, माता-पिता व सास-ससुर को वैक्सीन दिलाने का विकल्प भी दिया गया है। देश की सभी बड़ी आइटी कंपनियां भी अपने सारे कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को वैक्सीन देने की तैयारी में हैं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह ने सभी कर्मचारियों से एक मई, 2021 से वैक्सीन लेने के लिए तैयार रहने को कहा है। कंपनी भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन खरीदने के लिए बात कर रही है। कुछ कंपनियां फैक्ट्री फ्लोर पर ही टीकाकरण की तैयारी में हैं ताकि उत्पादन पर कोई असर नहीं हो। बैंकिंग सेक्टर की कंपनियों ने बताया कि वे बड़े अस्पतालों के साथ समझौता कर रही हैं ताकि उनके कर्मचारियों को एक निश्चित समय के भीतर वैक्सीन लग जाए।
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