उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति जरूर काबू में आती दिख रही है लेकिन लोगों के मन का खौफ अभी भी कायम है. ये ऐसा खौफ है जिस वजह से लोग इंसानियत को भी भूलने को तैयार दिख जाते हैं. ताजा मामला यूपी के संत कबीर नगर का है जहां पर एक बुजुर्ग पिता का अंतिम संस्कार तो किया गया, लेकिन रीति रिवाज से नहीं बल्कि JCB मशीन के सहारे. 60 वर्षीय बुजुर्ग राम ललित की बीमारी से लड़ने के बाद मौत हो गई थी. उनके तीनों बेटों को लगा कि पिता को कोरोना है, ऐसे में उन्होंने पिता का रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया ही नहीं. इसके बजाय उनकी तरफ से एक JCB मशीन का इंतजाम किया गया और फिर बंजर जमीन में गड्ढा खोदकर उन्हें दफन करवा दिया. कुछ लोगों ने इस पूरी घटना को अपनी आंखों से देखा, वीडियो भी बनाया गया लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. गांव के प्रधान ने बताया कि हमारे यहां एक घटना हुई थी. मैंने उनसे कहा था कि हम चलने के लिए तैयार हैं लेकिन उन लोगों ने मना कर दिया और जेसीबी बुलाकर गड्ढा खोदकर उन्होंने शव को दफन कर दिया. इस बात की सूचना हमने जिले के तमाम आला अधिकारियों को दी लेकिन 1 सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई सुध लेने नहीं आया.
अब इस बारे में जब राम ललित के बेटे से बात की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए कह दिया कि उनके पिता कोरोना पॉजिटिव थे, ऐसे में उन्होंने इस अंदाज में अंतिम संस्कार किया. उन्होंने कहा कि हमारे पिता बीमार थे. मेडिकल कॉलेज में उनका इलाज चल रहा था. इलाज के बाद डॉक्टरों ने कहा घर ले जाओ. उनका कोरोना टेस्ट हुआ था जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
घर पर आते ही उनकी मौत हो गई, इसलिए हम लोगों ने जेसीबी बुलाकर गड्ढा खोदकर दफन कर दिया. अब कोरोना से कई लोगों ने जान गंवाई है, कई लोगों का अंतिम संस्कार भी हुआ है, लेकिन इस तरह की सफाई कभी सुनने को नहीं मिली जहां पर अपने ही पिता को JCB मशीन के सहारे दफना दिया गया हो.
वैसे यूपी के ही महोबा से भी एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई थी. वहां पर कोरोना का ऐसा खौफ देखने को मिला कि पुलिस ने एक शव को कूड़े की गाड़ी में फेंक दिया. उस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजना था, लेकिन क्योंकि किसी वाहन का इंतजाम नहीं हो पाया, इसलिए कूड़े-करकट वाली गाड़ी का सहारा लिया गया.