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व्यापम घोटाले के व्हिस्लब्लोअर आनंद राय दिल्ली से गिरफ्तार, जानिए वजह
jantaserishta.com
8 April 2022 6:44 AM GMT
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नई दिल्ली: व्यापमं केस के व्हिस्लब्लोअर डॉक्टर आनंद राय को भोपाल क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तार किया है. डॉ. आनंद राय ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. आनंद राय के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव ने एफआईआर दर्ज करवाई थी क्योंकि आनंद राय ने कुछ दिन पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा के स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद उन पर आरोप लगाए थे.
गुरुवार देर रात आनंद राय ने एक ट्वीट किया. जिसके बाद दिल्ली से उनकी गिरफ्तारी की जानकारी सार्वजनिक हुई. आनंद राय ने ट्वीट करते हुए लिखा 'मुझे दिल्ली के होटल काबली से क्राइम ब्रांच भोपाल ने हिरासत में ले लिया है, सभी कार्यकर्ता शुभचिंतक भोपाल पहुंचे'
मुझे दिल्ली से होटल काबली से क्राइम ब्रांच भोपाल ने हिरासत में ले लिया है, सभी कार्यकर्ता शुभचिंतक भोपाल पहुँचे @VTankha @KapilSibal
— Office Of Dr Anand Rai (@anandrai177) April 7, 2022
मुझे दिल्ली से होटल काबली से क्राइम ब्रांच भोपाल ने हिरासत में ले लिया है, सभी कार्यकर्ता शुभचिंतक भोपाल पहुँचे @VTankha @KapilSibal
आनंद राय के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने ट्वीट किया 'आश्चर्य जनक आनंद के अनुसार मध्य प्रदेश पुलिस दिल्ली के होटल से उसे बिना किसी वॉरंट के अरेस्ट कर रही है. कपिल सिब्बल का भी फोन मुझे आया. ऐसा प्रॉसेस पूरी तरह से गलत प्रतीत होता है. कानूनी तौर से दिल्ली पुलिस को अपने क्षेत्राधिकार में यह अरेस्ट बिना वॉरंट नहीं अलाउ करनी चाहिए'
दरअसल, 26 मार्च को सोशल मीडिया पर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की तरफ से ली गई शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 3 के सवालों से जुड़ा हुआ एक स्क्रीनशॉट वायरल हुआ था. स्क्रीन शॉट के साथ ही दावा किया गया था कि 25 मार्च को आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर लीक हो गया. 26 मार्च को आनंद राय ने फेसबुक पर लिखा था कि वर्ग 3 का पेपर लक्ष्मण सिंह मरकाम के मोबाइल तक पहुंचा कैसे इसकी जांच होना चाहिए.
इसके बाद 27 मार्च को लक्ष्मण सिंह मरकाम की तरफ से पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई गई. लक्ष्मण सिंह मरकाम ने आरोप लगाया की कूट रचित पोस्ट तैयार कर सोशल मीडिया में वायरल की गई और मेरी छवि को धूमिल करने के साथ-साथ युवाओं को भ्रमित करने का काम किया गया. मरकाम की शिकायत के आधार पर अजाक थाने में डॉक्टर आनंद राय और कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 469, 470, 500, 504, 120-B के साथ-साथ एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
इस मामले में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का बयान भी सामने आया था. बयान जारी करते हुए PEB ने कहा था कि 'PEB द्वारा आयोजित प्राथमिक शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 के संबंध में एक अभ्यर्थी के स्क्रीन फोटो के वायरल होने की शिकायत मिली है. पीईबी द्वारा इस शिकायत के निराकरण के लिए विशेषज्ञ एजेंसी को पत्र लिखकर आगामी निर्णय के लिए विस्त़ृत रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने के बाद पीईबी द्वारा फैसला लिया जाएगा. पीईबी सभी उम्मीदवारों को आश्वस्त करता है कि परीक्षा की शुचिता और पारदर्शिता के लिए पीईबी प्रतिबद्ध है'
मूल रूप से इंदौर के रहने वाले डॉक्टर आनंद राय का नाम व्यापम घोटाले के समय सुर्खियों में आया था. साल 2013 में डॉ आनंद राय ने इंदौर पुलिस को शिकायत दी थी की व्यापम की तरफ से जो मेडिकल भर्ती परीक्षाएं की गई हैं, उनमें बड़े पैमाने पर धांधली हुई है. पुलिस की जांच का दायरा बढ़ता गया जिसमें पाया गया कि कई छात्रों ने मोटी रकम देकर किसी और के जरिए परीक्षा दी है. बाद में सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. लेकिन मामले की जांच के दौरान कई संदिग्ध मौतों के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
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