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पधारो म्हारे देश: राजस्थान के स्थापना दिवस पर कू के सह-संस्थापक ने बताया- "यहां से है दिल का रिश्ता"

Nilmani Pal
30 March 2022 11:59 AM GMT
पधारो म्हारे देश: राजस्थान के स्थापना दिवस पर कू के सह-संस्थापक ने बताया- यहां से है दिल का रिश्ता
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राजस्थान। हर वर्ष की ही तरह आज राजस्थान अपना स्थापना दिवस मना रहा है। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा और जनसंख्‍या की दृष्टि से सातवां सबसे बड़ा राज्‍य है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि स्टार्टअप के मामले में राजस्थान स्वर्णयुग में प्रवेश कर चुका है। विगत वर्षों में राजस्थान के कई स्टार्टअप्स बड़ी कंपनियों में तब्दील हो चुके हैं, जिसमें से एक नाम कहीं न कहीं स्वदेशी सोशल मीडिया मंच कू ऐप का भी है।

ऐसा इसलिए क्योंकि कू ऐप के सह-संस्थापक मयंक बिदावतका का ताल्लुक राजस्थान से है। दरअसल, मयंक के पिता मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं। इस प्रकार यहाँ की जमीन से अपना दिल का रिश्ता बताते हुए वे राजस्थान दिवस के अवसर पर कू करते हुए कहते हैं:

"राजस्थान दिवस पर सभी को शुभकामनाएं

मेरे पिताजी राजस्थान से हैं तो मेरा तो दिल का रिश्ता है उस ज़मीन से!

पधारो म्हारे देश

#rajasthandiwas #राजस्थानदिवस"

अपनी जुबान में अभिव्यक्ति के स्वदेशी ऑनलाइन मंच, कू ऐप से देश के बड़े-बड़े राजनेता जुड़े हुए हैं, जो सक्रिय रूप से इस प्लेटफॉर्म के जरिये जनता से रूबरू होते रहते हैं। योगी आदित्यनाथ, अशोक गहलोत, शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र पटेल, भगवंत मान, स्मृति ईरानी और वसुंधरा राजे कुछ ऐसे जाने-माने नाम है, जो कू के मंच पर हर एक गतिविधि को लेकर अपने विचार खुलकर रखते हैं।

राजस्थान का इतिहास

राजस्‍थान का शाब्दिक अर्थ राजाओं का स्थान होता है, यानी कि राजाओं की भूमि। देश आजाद होने से पहले यहाँ अनेक राजा-महाराजाओं ने राज किया था। इससे पहले राजस्थान को राजपूताना के नाम से जाना जाता था और कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्‍य बना था। 30 मार्च 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना। इस दिन को राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है।

342,239 वर्ग किलोमीटर कुल क्षेत्रफल वाले राजस्थान का अस्तित्व प्रगैतिहासिक काल से ही मिलता है। मेवाड़, मारवाड़, जयपुर, बूंदी, कोटा, भरतपुर और अलवर बड़ी रियासतें थीं। यहाँ चौहान, परमार, राठौड़, गहलोत वंशों का राज रहा है। मुगल और बाहरी आक्रमणों ने यहाँ के इतिहास को शौर्य गाथाओं से भर दिया। स्वाभिमान की जंग में पृथ्वीराज और महाराणा प्रताप से लेकर राणा सांगा, राणा कुंभा जैसे शूरवीर ने इस इतिहास को सहेजे रखा, वहीं तराइन, रणथंभौर, चित्तौड़, खानवा से लेकर हल्दी घाटी जैसे कई ऐतिहासिक युद्ध भी राजस्थान की धरती पर लड़े गए।


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