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इंडो पैसिफिक क्षेत्र के वायु सेनाओं के प्रमुखों के बीच हुई वर्चुअल टेलीकांफ्रेंस, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

Kunti Dhruw
20 Jan 2022 1:25 PM GMT
इंडो पैसिफिक क्षेत्र के वायु सेनाओं के प्रमुखों के बीच हुई वर्चुअल टेलीकांफ्रेंस, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
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भारतीय वायु सेना प्रमुख (Indian Air Force Chief) एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और इंडो पैसिफिक क्षेत्र के अलग-अलग वायु सेनाओं के वायु सेना प्रमुखों के बीच गुरुवार को वर्चुअल टेलीकांफ्रेंस आयोजित की गई.

भारतीय वायु सेना प्रमुख (Indian Air Force Chief) एयर चीफ मार्शल विवेक राम चौधरी और इंडो पैसिफिक क्षेत्र के अलग-अलग वायु सेनाओं के वायु सेना प्रमुखों के बीच गुरुवार को वर्चुअल टेलीकांफ्रेंस आयोजित की गई. इंडियन एयर फोर्स (Indian Air Force) ने बताया कि इस दौरान महत्वपूर्ण स्थानों से संचालन के दौरान वितरित रसद की चुनौतियों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की गई. वहीं इसी महीने व‍िदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr S Jaishankar) ने अमेर‍िकी समकक्ष (व‍िदेश मंत्री) एंटनी ब्लिंकन के साथ बातचीत की थी, जि‍समें दोनों के बीच वर्तमान द्विपक्षीय मुद्दों इंडो पैसिफिक और वैश्विक मामलों को लेकर चर्चा हुई थी.

पिछले साल इंडो पैसिफिक रीजनल डायलॉग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि मुझे खुशी है कि इस साल इंडो पैसिफिक के रीजनल डायलॉग पूरी चुनौतियों के साथ सुचारू ढंग से हुए. आने वाले समय में ये हमारे लिए सकारात्मक साबित होंगे. पैसिफिक रीजन में हम भारत के जल और विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए वैध अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं. साथ ही कहा था कि भारत समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) 1982 में निर्धारित किए गए सभी देशों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए भी प्रतिबद्ध है. हम यूएनसीएलओएस, 1982 के तहत शासनादेश के रूप में कानून आधारित समुद्री प्रणालियों के रखरखाव का समर्थन करते हुए अपने क्षेत्रीय जल और विशेष आर्थिक क्षेत्र के संबंध में अपने देश के वैध अधिकारों और हितों की रक्षा करने के लिए भी पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.

'इंडो-पैसिफिक के अवसरों और चुनौतियों को बहुत गंभीरता से लेता है भारत'
वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था भारत इंडो पैसिफिक को एक स्वतंत्र, खुले समावेशी क्षेत्र के रूप में देखता है जो प्रगति और समृद्धि की एक साझा खोज में सभी को शामिल करता है. साथ ही कहा कि भारत इंडो-पैसिफिक के अवसरों और चुनौतियों को बहुत गंभीरता से लेता है. विदेश मंत्री ने कहा था कि आप देख सकते हैं कि इंडो पैसिफिक महासागर की पहल में या क्वाड प्रारूप के माध्यम से किए गए वैक्सीन सहयोग में, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन या आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसे वैश्विक प्रयासों की भी इस क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष प्रासंगिकता है. हमारे सामूहिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण महत्व के 3 क्षेत्र हैं. स्वास्थ्य, जलवायु और डिजिटल. प्रत्येक न केवल हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए बल्कि उभरती दुनिया में वैश्विक प्रतिस्पर्धा और नेतृत्व का निर्माण करने के लिए भी हमारी साझेदारी के लिए एक आशाजनक अवसर है.
उधर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पिछले साल नवंबर में आगाह किया था कि इंडो पैसिफिक में शीत युद्ध के दौर जैसी तनाव की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए. चीन के राष्ट्रपति ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच के वार्षिक सम्मेलन से इतर ये बात कही. उनका ये बयान क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया का एक नया सुरक्षा गठबंधन बनने के कई हफ्तों के बाद आया था. चीन ने इस पूरे घटनाक्रम की कड़ी आलोचना की थी.
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