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जोरदार हंगामा: टीएमसी सांसदों ने संचार मंत्री के हाथ से बयान की कॉपी छीनकर फाड़ी, हाथापाई तक आई नौबत, देखें वीडियो

jantaserishta.com
22 July 2021 9:40 AM GMT
जोरदार हंगामा: टीएमसी सांसदों ने संचार मंत्री के हाथ से बयान की कॉपी छीनकर फाड़ी, हाथापाई तक आई नौबत, देखें वीडियो
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इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस से कथित तौर पर 300 भारतीयों की जासूसी के आरोपों को लेकर गुरुवार को भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। गुरुवार जब आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव इस मामले पर बयान देने के लिए उठे तो तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान उन्होंने पन्ने भी फाड़े और सभापति के आसन के पास एकत्रित हो गए। शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा में कामकाज नहीं हो पाया। शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल सके। सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। दोपहर 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल के लिए सदस्य का नाम पुकारा लेकिन विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।


उपसभापति ने कहा, ''प्रश्नकाल सदस्यों के सवाल के लिए है...सवाल जवाब सदस्यों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है...आप सदन नहीं चलाना चाहते...आप अपने-अपने स्थान पर जाए। इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। सदन में हंगामा थमते न देख, उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसी दौरान कांग्रेस सदस्य दिग्विजय सिंह ने मीडिया समूह दैनिक भास्कर के विभिन्न परिसरों पर आयकर विभाग के छापों का मुद्दा उठाने का प्रयास किया वहीं तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने कथित जासूसी से जुड़ा मुद्दा उठाने का प्रयास किया। लेकिन सभापति ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और कहा कि किसी भी मुद्दे को उठाने के लिए आसन की अनुमति की जरूरत होती है।
इस बीच, अन्य सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य अपने स्थान से आगे भी आ गए। नायडू ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। हंगामे के बीच उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कुछ सदस्य नहीं चाहते कि सदन में लोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाए। सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने बैठक शुरू होने के महज दो मिनट के भीतर ही कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।


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