त्रिपुरा। उनाकोटी जिले में रविवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित दोनों तरफ के किसानों के बीच हिंसक झड़प हो गई। रविवार शाम को कैलाशहर उपमंडल के सीमावर्ती गांव हीराछारा में कृषि भूमि पर खेती के मुद्दे को लेकर भारत और बांग्लादेश के ग्रामीण आपस में भिड़ गए। बीएसएफ और पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले पहले की बीएसएफ जवान मौके पर पहुंच पाते झड़प में दो भारतीय किसान और एक बांग्लादेशी किसान घायल हो गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि भारतीय किसान करीम अली (28) और जमीर अली (34) दोनों भाइयों पर 10-12 बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह ने धारदार हथियारों और लोहे की छड़ों से हमला किया। हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें करीम के बाएं हाथ और पीठ पर गहरे घाव आए जबकि जमीर के सिर में चोटें आईं।
दोनों का फिलहाल उनाकोटी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने संकेत दिया है कि करीम के बाएं हाथ की उंगली को काटना पड़ सकता है। यह घटना उस समय हुई जब सीमा की जीरो लाइन के पास अपनी जमीन पर पान और धान की खेती करने वाले दो भाई रविवार को खेती के लिए गए। उन्होंने देखा कि उनकी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने इस मामले की जानकारी इलाके में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को दी। शाम को घर लौटते समय उन्हें खेती के लिए दोबारा उस इसाके में न आने की धमकी दी गई। इसके बाद मौलवीबाजार जिले (बांग्लादेश) के मुरुई छारा क्षेत्र के बांग्लादेशी नागरिकों ने उन पर हमला कर दिया। यह हमला भारतीय क्षेत्र में हुआ, जिससे भारतीय सीमा पर रहने वाले ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। बीएसएफ के अतिरिक्त जवानों को इलाकों में तैनात किया गया है। इससे पहले 7 जनवरी को बांग्लादेशी नागरिकों की तरफ से मगुरुली सीमा पर बीएसएफ कर्मियों पर कथित रूप से हमला किया गया और उनके हथियार छीनने की कोशिश की गई। इस बीच, त्रिपुरा सीएम ने 18 जनवरी को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें बांग्लादेश की सीमा पर एक बड़े तटबंध के निर्माण पर एक पत्र सौंपा।
एक अधिकारी ने बताया, "मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को लिखे अपने पत्र में उनाकोटी जिले पर बांग्लादेशी तटबंध के संभावित प्रभाव और भारत की ओर संभावित बाढ़ का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री से बांग्लादेश सरकार के समक्ष इस मामले को उठाने की अपील की।"