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भाजपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प, प्रत्याशी के पिता पर फायरिंग, 5 गंभीर
jantaserishta.com
19 Feb 2022 5:15 PM GMT
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मणिपुर में चुनावों से पहले राजनीतिक हिंसा के मामले सामने आने लगे हैं. शुक्रवार देर रात मणिपुर में भाजपा और नेशनल पीपुल्स पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए. इस दौरान हुई फायरिंग में 5 लोग भी घायल हो गए. घायलों में NPP प्रत्याशी के पिता भी शामिल हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
घटना मणिपुर की राजधानी इम्फाल के अंद्रो नगर पंचायत की है. यहां शुक्रवार रात 11 बजे भाजपा और NPP समर्थक आपस में भिड़ गए. इसमें करीब 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. हिंसा में NPP के प्रत्याशी संजय सिंह के पिता भी घायल हो गए हैं. झड़प के दौरान हुई फायरिंग में उन्हें गोली लगी है.
NPP का दावा है कि प्रत्याशी के पिता को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने गोली मारी है और उनकी पत्नी को भी परेशान किया जा रहा है. वहीं, भाजपा का दावा है कि एनपीपी कार्यकर्ताओं ने उनके पार्टी कार्यालय पर हमला किया और जिलाध्यक्ष के साथ संयोजक से भी मारपीट की. फिलहाल पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.
मणिपुर के डीजीपी पी डौंगेल ने इस तरह की घटनाओं के पीछे सीमा पार से आ रहे हथियार और विस्फोटकों को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने घटना के पीछे राजनीतिक दलों की आपसी खींचतान को वजह बताया है. उन्होंने बताया कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. उनसे हिंसा में न शामिल होने का शपथ पत्र लिया गया है. डीजीपी ने बताया कि यहां इलाके दूर-दूर होने के कारण पुलिस की मौजूदगी उतनी ज्यादा नहीं रह पाती. इसलिए आरोपियों की पहचान करने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.
DGP ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से चुनाव आयोग के नियमों का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच झड़प रात 11 बजे के बाद हुई, जबकि चुनाव प्रचार के नियम कहते हैं कि रात 9 बजे के बाद कोई प्रचार नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि पुलिस गोला बारूद जब्त कर रही है.
राज्य में कुल दो चरणों में वोटिंग होनी है. पहले चरण की वोटिंग 27 फरवरी और दूसरे चरण की वोटिंग 3 मार्च को होगी. राज्य में फिलहाल बीजेपी के पास 31 विधायक हैं और उसे 4 विधायकों वाली एनपीएफ और 3 विधायकों वाली एनपीपी का समर्थन प्राप्त है. 2017 के चुनाव में 28 सीटें जितनी वाली कांग्रेस के पास अब महज 13 विधायक बचे हैं. शेष विधायक या तो बीजेपी में शामिल हो चुके हैं या फिर सस्पेंड चल रहे हैं.
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