विनय कुमार सिंह ने आरआरटीएस के दुहाई डिपो में अत्याधुनिक सोलर पावर का लोकार्पण किया
दिल्ली एनसीआर: आरआरटीएस डिपो दुहाई में अत्याधुनिक सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है। एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने शनिवार को इस पावर प्लांट का लोकार्पण किया। पूर्णत: सौर ऊर्जा से संचालित यह डिपो अब ग्रीन डिपो बन जाएगा। सोलर पावर प्लांट की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 585 केडब्ल्यूपी है। इसके लिए वर्कशॉप सहित डिपो की विभिन्न इमारत पर सौर पैनल इंस्टॉल किए गए हैं।
सोलर प्लांट की अनुमानित आयु 25 साल है। अनुमान है कि यह पावर प्लांट प्रतिवर्ष लगभग 6,66,000 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा। इस प्लांट से अनुमानित तौर पर सालाना 615 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जिससे इसके कुल जीवनकाल में कार्बन उत्सर्जन में लगभग 15,375 टन की उल्लेखनीय कमी आएगी। इस सोलर प्लांट के जरिए उत्पादित सौर ऊर्जा की मॉनिटरिंग और ऑप्टिमाइजेशन एक अत्याधुनिक क्लाउड-आधारित एप्लिकेशन द्वारा किया जाएगा, जो निरंतर और नियमित तौर पर आउटपुट को ट्रैक करेगा।
यह उन्नत तकनीक सौर ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर की पारदर्शिता, दक्षता और निर्बाध प्रबंधन सुनिश्चित करती है। सोलर प्लांट द्वारा जिस मात्रा में सौर ऊर्जा उत्पादित की जाएगी, वह न सिर्फ डिपो की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगी बल्कि उसके बाद भी अतिरिक्त उपलब्ध होगी। अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग अन्य आरआरटीएस परिचालनों में भी किया जा सकेगा।
इस प्रयास से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित दुहाई डिपो नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन की उपलब्धि हासिल कर ग्रीन डिपो बन जाएगा, जो सस्टेनेबिलिटी के प्रति एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता को बखूबी दर्शाता है। एनसीआरटीसी ने मार्च 2021 में सोलर पॉलिसी अपनाई थी। इस पॉलिसी के अनुसार एनसीआरटीसी अक्षय ऊर्जा में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाएगा।
इसके तहत अगले 5 साल में गैर-कर्षण प्रयोजनों के लिए स्टेशनों, डिपो और अन्य भवनों की छतों पर कम से कम लगभग 11 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा यह कर्षण उद्देश्यों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने को ऊर्जा मिश्रण को भी अनुकूलित करेगा। एनसीआरटीसी एक निवेश के लिए उपयुक्त माहौल स्थापित करने का भी प्रयास करेगा।