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'स्वच्छ भारत मिशन' में गांवों को भी मिलेगी रैंकिंग, देश के 17475 गांव का होगा सर्वे
Deepa Sahu
10 Sep 2021 4:23 PM GMT
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केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण दो को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी)- 2021 लॉन्च किया।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण दो को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण (एसएसजी)- 2021 लॉन्च किया। खुले में शौच से मुक्ति के बाद ओडीएफ प्लस गांव बनाने की दिशा में आने वाले व्यवधानों को दूर करने और मिशन के कार्यक्रमों में तेजी लाना इस सर्वेक्षण का मुख्य लक्ष्य है। एसएसजी-2021 की रैंकिंग में आपके गांव में जलभराव की स्थिति, ठोस और तरल कचरे सहित प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन सबसे अधिक फर्क डालेगा। समूह बैठकों, 17,475 गांवों के करीब 1.75 लाख परिवारों से और मोबाइल एप पर मिलने वाला फीडबैक गांव की स्वच्छता की रैकिंग तय करेगा।
केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 लॉन्च करने के साथ ही हिंदी-अंग्रेजी सहित तमाम क्षेत्रीय भाषाओं में फीडबैक के लिए मोबाइल एप भी लॉन्च किया। सर्वेक्षण में फील्ड सर्वे 25 अक्तूबर से 23 दिसंबर तक चलेगा। पटेल ने कहा कि पिछले सर्वे से यह पता चला कि ग्रामीण भारत में स्वच्छ भारत पहुंच गया है। अब हमारी उपलब्धियां नए सर्वे में सामने आएंगी। स्वस्थ भारत के लिए स्वच्छता सबसे बड़ा हथियार है। जो कुछ कमियां स्वतंत्र एजेंसी के सर्वे में सामने आएंगी, उससे सुधार का मौका मिलेगा।
पेयजल और स्वच्छता विभाग (डीडीडब्ल्यूएस) के सचिव पंकज कुमार ने अनुसार, यह देश में अपने किस्म का सबसे बड़ा सर्वे है। राज्यों से अपील की कि वे बढ़-चढ़कर सर्वे में हिस्सा लें और अपने गांव का नाम रोशन करने में मदद करें। अतिरिक्त सचिव अरुण बरोका ने कहा कि, एक विशेषज्ञ एजेंसी को बड़े सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है। ऑनलाइन मॉनिटरिंग और रिजल्ट का डैशबोर्ड भी तैयार किया गया है।
87 हजार से अधिक सार्वजनिक स्थानों का टीमें करेंगी निरीक्षण
सर्वेक्षण में गांव, जिला और राज्यों को कुछ निर्धारित मानकों का प्रयोग करके रैंकिंग दी जाएगी। इस सर्वेक्षण के तहत देशभर के 698 जिलों के 17,475 गांवों को कवर किया जाएगा। इन 17,450 गांवों, जिला और फिर राज्य की रैंकिंग के सर्वेक्षण के लिए 87,250 सार्वजनिक स्थानों (स्कूल, आंगनवाड़ी, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, हाट/बाजार/धार्मिक स्थल) का दौरा किया जाएगा।
स्वच्छता सर्वेक्षण में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी हो सके, उसके लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन बनाई गई है। लोगों को एप्लिकेशन का इस्तेमाल करके स्वच्छता संबंधी मुद्दों पर फीडबैक देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पिछली बार मोबाइल एप्लिकेशन पर तीन करोड़ फीडबैक आए थे। इस बार इसके चार करोड़ से ऊपर पहुंचने की संभावना है। पेयजल और स्वच्छता विभाग ने इससे पहले वर्ष 2018 और 2019 में स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण कराया था।
कोरोना महामारी के बीच वर्ष 2020 में यह सर्वेक्षण नहीं कराया गया। यह सर्वेक्षण केवल रैंकिंग देने की प्रक्रिया तय करने तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वच्छता की आदत को एक जनांदोलन बनाने का कार्यक्रम है।
1000 अंकों का होगा सर्वे
सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता का प्रत्यक्ष निरीक्षण 30 फीसदी
आम नागरिकों, ग्राम स्तर पर प्रमुख प्रभावशाली लोगों और जनप्रतिक्रिया सहित लोगों की ऑनलाइन प्रतिक्रिया 35 फीसदी
स्वच्छता संबंधी मापदंडों को लेकर सेवा स्तर की प्रगति 35 फीसदी
एसएसजी 2019 में ये बिंदु उभरे
72 फीसदी सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय की सुविधा थी
88.7 फीसदी सार्वजनिक स्थल प्लास्टिक कूड़े से मुक्ति थे
स्वच्छता रैकिंग के पहले पायदान पर तमिलनाडु, दूसरे नंबर पर हरियाणा और तीसरे स्थान पर गुजरात आया था। छोटे राज्यों की रैंकिंग में मिजोरम अव्वल रहा था।
जिला रैंकिंग में पहले नंबर पर तेलंगाना का पेड्डापल्ली, दूसरे नंबर पर फरीदाबाद और तीसरे नंबर पर रेवाड़ी था।
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