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पेड़ों की कटाई के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण, कहा- सिर कट जाए, लेकिन पेड़ नहीं

Rani Sahu
3 Feb 2022 6:53 PM GMT
पेड़ों की कटाई के खिलाफ सड़क पर उतरे ग्रामीण, कहा- सिर कट जाए, लेकिन पेड़ नहीं
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यूं तो आपने जरूरतों के लिए पर्यावरण का हनन होते कई बार देखा होगा

यूं तो आपने जरूरतों के लिए पर्यावरण का हनन होते कई बार देखा होगा। पर क्या कभी सुना है कि पर्यावरण की रक्षा के लिए लोग सड़कों पर उतरकर प्रशासन से लड़ने को भी तैयार हैं। झारखंड में ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां 6 पेड़ों के कटने पर एक गांव के लोग प्रशासन के खिलाफ विरोध में सड़क पर उतर आए। मामला खूंटी जिले के टोड़ांगकेल का है, जहां 6 आम के पेड़ गांववालों के मना करने के बावजूद प्रशासन ने काट दिए। इसके खिलाफ ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। विरोध बढ़ता देख प्रशासन को गांव को छावनी में तब्दील करना पड़ा। इतना ही नहीं, प्रशासन से लिखित में लेने के बाद ही ग्रामीण सड़कों से हटे।

क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, टोड़ांगकेल गांव में 6 विशाल आम के पेड़ प्रशासन ने काट दिए थे। इस बात से ग्रामीण बेहद नाराज थे। इसके विरोध में 1 फरवरी को ग्रामीण सड़कों पर उतर आए। हालांकि, इसके पहले ग्रामीणों ने बाकायदा प्रशासन को चेतावनी दी थी। लेकिन उनकी अर्जी पर कोई सुनवाई ना होने पर वे भड़क गए।
विरोध में बड़ी तादाद में महिलाएं भी शामिल
पुलिस और प्रशासन का विरोध करने के लिए बड़ी तादाद में लोग इकट्ठा हुए थे। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। ग्रामीणों ने बकायदा रैली निकालकर प्रशासन के पेड़ काटने का विरोध किया। इसके अलावा, विरोध कर रहे लोगों के हाथों में जीवन बचाओ, वृक्ष काटना बंद करो, पर्यावरण को बचाना है, जैसे नारों के पोस्टर थे। ग्रामीणों का कहना था कि सिर कटेगा, लेकिन पेड़ नहीं कटने देंगे।
प्रशासन को महंगा पड़ा ग्रामीणों की बात ना सुनना
रैली में शामिल ग्रामीणों को शांत करने के लिए एसडीओ सैयद रियाज अहमद, डीएसपी अमित कुमार, एलआरडीसी जितेन्द्र मुण्डा कार्यपालक पदाधिकारी और सीओ सभी को गांव आना पड़ा। हालांकि बात ना बनने पर, एसडीओ ने बताया कि फिलहाल निर्माण कार्य और वृक्ष कटाई पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है ताकि जिले में लॉ एंड आर्डर की स्थिति शांतिपूर्ण और सामान्य बनी रहे।
पर्यावरण को लिए बेहद जागरूक ग्रामीण
पर्यवारण को लेकर ग्रामीणों में इस तरह की जागरूकता से प्रशासन भी सकते में है। बता दें कि खूंटी का 90 प्रतिशत से ज्यादा इलाका ग्रामीण है। खूंटी का कुल इलाका 2,535 वर्ग किलोमीटर है। इसमें सिर्फ 34 वर्ग किलोमीटर आबादी ही शहरी है। जबकि 2501 वर्ग किलोमीटर ग्रामीण है। यहां के लोग कई वजहों से पेड़ों की रक्षा का प्रण लेते हैं। पर्यावरण से ही इनके रोजमर्रा के कामकाजों का निवारण होता है। इतना ही नहीं बल्कि, वे पर्यावरण को ही अपना जीवनदाता मान कर इसकी पूजा करते हैं और इसलिए पेड़ों की महत्वता का सम्मान करते हैं।
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