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नेताओं से खफा हुए ग्रामीण, मतदान बहिष्कार की दी चेतावनी

Nilmani Pal
23 April 2024 10:30 AM GMT
नेताओं से खफा हुए ग्रामीण, मतदान बहिष्कार की दी चेतावनी
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जानिए वजह

पटना। बिहार में पहले चरण के चुनाव में कम मतदान के बाद निर्वाचन विभाग आने वाले चरणों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुटा है। वहीं, गोपालगंज जिले के मशानथाना गांव के ग्रामीण नेताओं से खफा होकर मतदान के बहिष्कार की तैयारी कर रहे हैं। इसकी सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन सजग हुआ है और मतदाताओं की शिकायत दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

मशानथाना गांव में ग्रामीण मतदाताओं की शिकायत है कि यहां सारण तटबंध की मरम्मत का काम नहीं हो पाया है। ब्रिटिश काल में गंडक नदी की त्रासदी से बचाने के लिए सारण तटबंध बना था। लेकिन, इसके मरम्मत का काम आज तक नहीं किया गया। इस पर सड़क नहीं बनी, जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। ग्रामीण कामेश्वर और नथुनी पांडेय कहते हैं कि इसकी शिकायत जनप्रतिनिधियों से कई बार की गई है, लेकिन, कोई कारगर पहल नहीं की गयी। चुनाव के वक्त नेता आते हैं और वादे करके चुनाव जीतने के बाद भूल जाते हैं। ग्रामीणों ने इस चुनाव में नेताओं को गांव में प्रवेश देने पर रोक लगा दी है।

ग्रामीण गांव में लोगों से मतदान नहीं करने की अपील भी कर रहे हैं। गांव में इससे संबंधित पोस्टर भी लगाए गए हैं। ये गांव सदर विधानसभा के अंर्तगत आता है और निवर्तमान सांसद डॉ. आलोक कुमार सुमन का गृह पंचायत है। गोपालगंज के जिलाधिकारी मोहम्मद मकसूद आलम ने कहा कि इस मामले के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने सदर अनुमंडल अधिकारी को गांव में जाकर ग्रामीणों की शिकायत को दूर करने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि यह चुनाव लोकतंत्र का महापर्व है और सभी की भागीदारी जरूरी है। सभी लोगों को वोट देना चाहिए। अगर प्रत्याशी पसंद नहीं हैं तो नोटा का विकल्प मौजूद है। गोपालगंज में छठे चरण में लोकसभा का चुनाव है। यहां 29 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा और 25 मई को मतदान है।

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