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फूलों का गांव...गांव के किसान मुख्य रूप से करते हैं फूलों की खेती, पढ़े दिलचस्प बातें

jantaserishta.com
4 Jan 2022 4:22 AM GMT
फूलों का गांव...गांव के किसान मुख्य रूप से करते हैं फूलों की खेती, पढ़े दिलचस्प बातें
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इस नगरी में एक ऐसा गांव है जो फूलों के गांव के नाम से मशहूर है.

नई दिल्ली: झारखंड में देवघर को बाबा बैद्यनाथ की नगरी कहा जाता है. इस नगरी में एक ऐसा गांव है जो फूलों के गांव के नाम से मशहूर है. यह देवघर जिला मुख्याल से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मलहरा नाम के इस गांव में फूलों की खेती की जाती है. 3000 की आबादी वाले इस गांव के किसान मुख्य खेती फूलों की करते हैं. जिन्हें बाद में बाबा मंदिर में पूजा के लिए बेचा जाता है.

गांव के लोगों का जीवन यापन फूलों की खेती से होता है. यहां के किसानों का कहना है कि गांव का मुख्य पेशा फूल की खेती है और यह आज से नहीं बल्कि सदियों से हैं. गांव में लगभग 500 घर हैं और लगभग 3000 की आबादी है.
गांव में सदियों से फूल की खेती की जा रही है. इसका मुख्य कारण बाबा बैजनाथ मंदिर हैं. इस मंदिर के चलते किसानों को फूलों का अच्छा दाम मिल जाता है और बेचने में भी कोई परेशानी नहीं जाती. किसान फूल की माला बनाकर मंदिर में बेचते हैं. किसान एक दिन में 300 से 500 रुपये तक का मुनाफा कमा लेते हैं.
लेकिन कोरोना महामारी के चलते उन्हें बहुत नुकसान हुआ है और किसानों का हालात बहुत दयनीय हो गया है. किसानों का कहना है कि महामारी के चलते मंदिर बंद कर दिया गया था. जिसके कारण उनका रोजगार छिन गया था. अब मंदिर खुल गया लेकिन अब उनके पास ज्यादा फूल हैं. लॉक डाउन के कारण किसान बाहर से ज्यादा बीज नहीं मांगा पाये हैं. जिसके चलते फूलों की कमी देखने को मिल रही है.
बरसात के कारण खुद के तैयार किए बीजों से भी खेती न कर सके और बीज बर्बाद हो गया. अब यहां के किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें फूलों के बीज उपलब्ध करा दे ताकि उनकी स्थिति में सुधार आए और एक बार फिर यह गांव महक उठे.

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