मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के एक गांव के मैकेनिक ने अपने छोटे से गैरेज में 37 साल पहले भारत में बनना बंद हो चुकी राजदूत जैसी बाइक बनाकर सबको चौंका दिया. मैकेनिक ने हुबहू राजदूत बना दी और वह भी बिना किसी मशीन की मदद से. अब इस राजदूत को देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. दरअसल, राजदूत जैसी दिखने वाली बाइक को झाबुआ जिले के गांव पिटोल में एक गैरेज चलाने वाले मैकेनिक गोपाल चौहान उर्फ बंटी भाई ने अपने हुनर से बनाया है. गोपाल ने इसके लिए किस जुगाड़ तंत्र का इस्तेमाल किया, खुद गोपाल ने बताया.
राजदूत बनाने की कहानी भी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. पिटोल के ही रहने वाले संजय एक दिन बॉबी फिल्म देख रहे थे. इसी दौरान संजय के मन में इच्छा हुई कि राजदूत चलाई जाए. उन्होंने मैकेनिक गोपाल से अपनी इच्छा जताई तो गोपाल तैयार हो गए. इसके बाद एक राजदूत के पुराने ढांचे से ढाई महीने में उन्होंने राजदूत चलाने का सपना पूरा कर लिया.
मैकेनिक गोपाल उर्फ बंटी ने अपने गैराज में यह कर दिखाया. जिस राजदूत को कंपनी आज से 37 साल पहले फैक्ट्री में बनाना बंद कर चुकी है, उसे छोटे से गांव के मैकेनिक ने कबाड़ में पड़े चेसिस से अपने गैरेज में बनाकर यह संदेश दिया कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती. अब इस राजदूत को लोग दूर-दूर से देखने पहुंच रहे हैं. संजय भी हैरान हैं कि कैसे बंटी ने यह कर दिखाया. लोग बंटी की तारीफ भी कर रहे हैं. फिलहाल इस राजदूत और मैकेनिक की चर्चा पूरे इलाके में है.