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विजय के बिजली आन्दोलन में कई अचंभित प्रश्न छोड़ गया 2023

30 Dec 2023 5:58 AM GMT
विजय के बिजली आन्दोलन में कई अचंभित प्रश्न छोड़ गया 2023
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रीवा। शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों को देखने समझने वाला अब वर्तमान समय में कोई होता है ऐसा नहीं लगता है। सभी को विदित है कि विधुत विभाग से ईमानदार उपभोक्ता त्रस्त है। जनता की इस परेशानी पर रोक लगाने के लिए रीवा के अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा जो सैकड़ों धरना-प्रदर्शन एवं पदयात्राओं के लिए विख्यात …

रीवा। शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों को देखने समझने वाला अब वर्तमान समय में कोई होता है ऐसा नहीं लगता है। सभी को विदित है कि विधुत विभाग से ईमानदार उपभोक्ता त्रस्त है। जनता की इस परेशानी पर रोक लगाने के लिए रीवा के अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा जो सैकड़ों धरना-प्रदर्शन एवं पदयात्राओं के लिए विख्यात हैं ने कमर कसी और बैठ गये कमिश्नर कार्यालय रीवा के सामने अनिश्चितकालीन अनशन में। यह बिजली आन्दोलन म०प्र० में पूरे वर्ष 2023 चर्चित रहा। क्योंकि यह धरना 07 दिसंबर 2022 को शुरू हुआ तथा 21 दिसंबर 2022 को विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा हुई तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम ने जांच कराने का आश्वासन दिया, लेकिन जांच कहां हुई पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर रीवा ने भी कार्यवाही हेतु थाने को आदेशित किया, उक्त कार्यवाही भी अज्ञात दबाव से नहीं हो सकी। पुलिस महानिदेशक भोपाल द्वारा भी इस मुद्दे पर पत्र जारी किया गया लेकिन वह भी किसी मुकाम में नहीं पहुंचा।

विजय मिश्रा के बिजली आन्दोलन पर पहुंचने वाले उपभोक्ताओं के कार्य भी बहुत हुए लेकिन विजय मिश्रा ने जो प्रकरण एफआईआर हेतु दिए थे उनका स्पष्टीकरण आज तक विधुत विभाग नहीं दे सका। अनवरत चलने वाला यह अनिश्चितकालीन अनशन होली-दीवाली सहित पूरे चुनाव समय में चलता रहा। अचंभित करने वाला तथ्य यह था कि समस्त प्रशासनिक अधिकारी इस शांतिपूर्ण धरने जो ज्वलंत मुद्दों पर था पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया ? क्या अब प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शनों का महत्व समाप्त हो चुका है ? दूसरा अचंभित करने वाला तथ्य यह रहा कि विजय मिश्रा का यह अनशन अभी और चलता लेकिन 07 दिसंबर 2023 को स्वास्थ्य कारणों से विजय के अस्पताल पहुंचने के कारण अनशन समाप्त हो गया, विजय मिश्रा की हालत क्या है इसकी चिंता शासन को नहीं है। प्रशासन की इस उपेक्षा से आहत एक सहयोगी राजेश चतुर्वेदी ने कलेक्टर को पत्र देकर इच्छा म्रत्यु की मांग की है। इस पत्र को भी संभवतः प्रशासन द्वारा हल्के से लिया जा रहा है, यदि कोई अनहोनी घटित होती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

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