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पूजा खेडकर ने उनकी उम्मीदवारी की जांच के लिए केंद्र द्वारा पैनल गठित करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
मुंबई: सत्ता के दुरुपयोग को लेकर विवादों में घिरीं प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के ‘‘उम्मीदवारी दावों और अन्य विवरणों’’ की जांच के लिए केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को एक सदस्यीय समिति का गठन कर दिया। खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। पूजा खेडकर ने उनकी उम्मीदवारी की जांच के लिए केंद्र द्वारा पैनल गठित करने पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
आरोपों के बाद खेडकर को पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया है। हालांकि खेडकर ने कहा कि उन्हें इस मामले पर बोलने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे इस मामले पर कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। सरकारी नियम के अनुसार मुझे इस मामले पर बोलने की अनुमति नहीं है।" एक दिन पहले केंद्र ने एक बयान में कहा कि 2023 बैच की अधिकारी, जिन्हें महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है, उनकी उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित करने के लिए एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी। बयान में कहा गया है कि समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इस बीच, खेडकर ने बृहस्पतिवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के रूप में अपना नया पदभार संभाल लिया। उनका ट्रांसफर पुणे से हुआ था, जहां उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया था और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगा रखी थी। खेडकर (34) पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। उन्हें अनुचित व्यवहार के आरोपों के कारण सोमवार को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था। अपनी पिछली कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव करते हुए, खेडकर बृहस्पतिवार को वाशिम स्थित अपने कार्यालय में एक बोलेरो कार में पहुंचीं, जो कि लाल बत्ती वाली उस ऑडी कार से अलग थी, जिसका इस्तेमाल वह पुणे में रहने के दौरान इस्तेमाल करती थीं।
बढ़ते दबाव के बावजूद, खेडकर ने आरोपों पर टिप्पणी करने से परहेज किया और कहा कि सरकारी नियमों के कारण वह इस मुद्दे पर टिप्पणी नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं वाशिम जिला समाहरणालय में कार्यभार ग्रहण करके खुश हूं और यहां काम करने के लिए उत्सुक हूं।’’ उनके खिलाफ लगे आरोपों के बारे में पूछे जाने पर खेडकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे पर बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं। सरकारी नियमों के कारण मैं इस संबंध में टिप्पणी नहीं कर सकती।’’
इस बीच पुणे पुलिस की एक टीम खेडकर के बंगले पर लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघन के सिलसिले में ऑडी कार का निरीक्षण करने गई, तो उसे बंगले के द्वार बंद मिले। परिसर में मौजूद उसकी मां ने मीडिया को इस दृश्य का वीडियो बनाने से रोकने का प्रयास किया। पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि ‘‘प्रशासनिक जटिलताओं’’ से बचने के लिए खेडकर को किसी अन्य जिले में पदस्थापना देने पर विचार किया जाये, जिसके बाद खेडकर को वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था।
#WATCH | Washim, Maharashtra: On Centre sets up panel to probe her candidature, IAS probationer Pooja Khedkar says, "I am not authorised to say anything to the media. I will give my submissions before the committee. I will follow the procedure." pic.twitter.com/RJfuS9BXUV
— ANI (@ANI) July 12, 2024

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