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तालिबान के 'झूठे लोकतंत्र' की पोल खोलने वाला वीडियो, इंटरव्यू करने वाले अफगान पत्रकारों पर तालिबान का आतंकी हमला

Renuka Sahu
30 Aug 2021 4:31 AM GMT
तालिबान के झूठे लोकतंत्र की पोल खोलने वाला वीडियो, इंटरव्यू करने वाले अफगान पत्रकारों पर तालिबान का आतंकी हमला
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फाइल फोटो 

तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के हालात क्या हैं, इसे समझाने के लिए एक तस्वीर सामने आयी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान के हालात क्या हैं, इसे समझाने के लिए एक तस्वीर सामने आयी. यह तस्वीर एक टीवी चैनल पर समाचार प्रसारण की है. ये कोई मजाकिया तस्वीर नहीं है. बल्कि ये तालिबान के आतंकी साए में सांस ले रहे अफगानिस्तान का सच है.

हथियारों से लैस सात तालिबानी आतंकी स्टूडियो में इंटरव्यू ले रहे एंकर को घेर कर खड़े हैं. आतंकियों ने सवाल पूछने वाले एंकर को इस कदर घेर लिया कि मानो कह रहे हैं कि एक भी टेढ़ा सवाल पूछा तो गोली मार देंगे.
इंटरव्यू देने बैठा एक तालिबानी नेता है जो टीवी पर इंटरव्यू के लिए आया था. इंटरव्यू शुरू होता उससे पहले तालिबान का आतंक शुरू हो गया.
ये वीडियो इसका नाम पीस टीवी के स्टूडियो का है. बताया जा रहा है कि ये चैनल जनरल दीन मोहम्मद जुरत का है. जनरल जुरत पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के सलाहकार थे और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी चीफ थे.जिन्हें 2018 में हामिद करजई ने बर्खास्त कर दिया था.
जनरल जुरत पूर्व में मुजाहिदीन लड़ाके रह चुके हैं और काबुल के आस पास के इलाके मे उनका खासा दबदबा है. बताया जा रहा है कि वीडियो शुक्रवार का है.
किसी भी देश के लोकतंत्र को खत्म करने का सबसे आसान तरीका होता है मीडिया पर हमला करना उसकी आवाज दबाना. तालिबान ने जबसे काबुल पर कब्जा किया है, वो दावे भले ही कुछ करे लेकिन निशाना मीडिया को ही बना रहा है
पत्रकारों पर तालिबानी कहर जमकर बरस रहा है
तालिबान ने अफगानिस्तान के सबसे बड़े मीडिया नेटवर्क तुलु न्यूज के पत्रकार जियार याद की सरेआम पिटाई की. जियार के साथ उनके कैमरामैन को भी पीटा गया था. अफगानिस्तान के सरकारी चैनलों पर महिला एंकरों पर पाबंदी लगा दी.
तालिबान के प्रवक्ता हर रोज झूठा दावा कर रहे हैं कि उनके राज में पत्रकार और महिलाएं दोनों सुरक्षित रहेंगी लेकिन ऐसी तस्वीरें उसके हर झूठ से पर्दा हटाती जा रही हैं


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