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भाभी का शातिर दिमाग, देवर को सरकारी कागजों में बनवा दिया मुर्दा, डीएम और एसपी तक पहुंचा मामला, जाने पूरा माजरा

jantaserishta.com
1 March 2021 4:14 AM GMT
भाभी का शातिर दिमाग, देवर को सरकारी कागजों में बनवा दिया मुर्दा, डीएम और एसपी तक पहुंचा मामला, जाने पूरा माजरा
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हाथ जोड़कर बोला कि साहब मैं जिंदा हूं...

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में एक भाभी के शातिर दिमाग ने जिंदा दिव्यांग देवर को सरकारी कागजों में मृत घोषित करवा दिया. अब दिव्यांग शख्स अपने आपको जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है. दिव्यांग शख्स डीएम और एसपी के सामने पहुंच गया. हाथ जोड़कर बोला कि साहब मैं जिंदा हूं पर कोई अधिकारी मान नहीं रहा है, आप मुझे जिंदा कर दीजिए.

कन्नौज जिले के गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र अनौगी के ग्राम धुखरी निवासी दिव्यांग कमलेश चंद्र खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारीयों और दफ्तरों के चक्कर काट रहा है. शख्स का आरोप है कि साजिश के तहत उसकी ही भाभी ने कागजों पर उसे मुर्दा घोषित करा दिया है. अब वह खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहा है.
शनिवार को गुरसहायगंज कोतवाली आयोजित समाधान दिवस में दिव्यांग कमलेश चंद्र ने डीएम राकेश मिश्रा और एसपी प्रशांत वर्मा को बताया कि वह कागजों में मुर्दा हो चुका है. अपने को जिंदा साबित करने के लिए हर जगह गुहार भी लगा चुका है. लेकिन उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. कमलेश ने बताया कि उसके भाई विमलेश का निधन चार फरवरी 2021 को हुआ था. भाभी ने अन्य लोगों की मदद से भाई के अंतिम संस्कार के बाद संपत्ति हड़पने की नियत से अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर उसे मृत दिखा दिया.
इतना ही नहीं पीड़ित शख्स ने बताया कि उसके बैंक खाते से जमा निकासी पर भी रोक लगवा दी है और उसे अपने हिस्से की जमीन बेचकर बनवाए गए पक्के मकान में भी रहने से मना कर दिया उसकी जमीन वरासत में चढ़वा ली. कलमेश कुमार का कहना है कि पैसों के लालच में उसकी भाभी ने मृत को जिंदा और जिंदा को मृत घोषित करवा दिया.
इस मामले में डीएम गजेंद्र कुमार ने क्षेत्रीय लेखपाल कन्हैया लाल को मौके पर बुलाकर पूरी जानकारी ली तो सारा मामला खुलकर सबके सामने आ गया. डीएम ने लेखपाल को जमकर फटकार लगाई और जांच कर दोषियों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश दिया. वहीं अफसरों से निर्देश मिलने के बाद पुलिस व राजस्व महकमे ने कार्रवाई शुरू कर दी है. डीएम के निर्देश के बाद अब यह पता लगाया जा रहा है कि किसकी मिलीभगत से गलत दस्तावेज तैयार कर जिंदा शख्स को मुर्दा साबित करने की कोशिश की गई.
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