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उपराष्ट्रपति चुनाव: हिस्सा नहीं लेगी TMC, विपक्ष का आया ये बयान

jantaserishta.com
22 July 2022 12:14 PM GMT
उपराष्ट्रपति चुनाव: हिस्सा नहीं लेगी TMC, विपक्ष का आया ये बयान
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की साझा उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को चुनने पर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने नाराजगी जताई है और वोटिंग से दूर रहने का ऐलान किया है। टीएमसी का कहना है कि उम्मीदवार को चुनने से पहले उनकी राय नहीं ली गई। इस बीच विपक्षी नेताओं ने उनके दावे को गलत ठहराते हुए कहा कि मार्गरेट अल्वा का नाम तय करने से तीन दिन पहले ही उनसे बात की गई थी। इन नेताओं का कहना है कि खुद सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी से इस पर बात की थी। फोन पर ममता बनर्जी ने कहा था कि विपक्ष की ओर से जिसे भी चुना जाएगा, वह उस पर सहमत होंगी।

एक वरिष्ठ विपक्षी नेता ने कहा, 'सोनिया गांधी ने 15 जुलाई को दोपहर ढाई बजे ममता बनर्जी को फोन किया था। इस दौरान उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर बात की थी। तब उन्होंने कहा था कि मेरे दिमाग में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर किसी का नाम नहीं है। ऐसे में संयुक्त विपक्ष जिसके नाम पर भी फैसला लेता है, वह उस पर सहमत होंगी।' एनडीए की ओर से 16 जुलाई को जगदीप धनखड़ के नाम का ऐलान किया गया था। उसी दिन रात को 8:30 बजे सोनिया गांधी ने ममता बनर्जी को मेसेज भेजा था, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब ही नहीं मिला।
इसके बाद 18 जुलाई को शरद पवार के घर पर विपक्षी दलों की मीटिंग हुई थी। इसमें शिवसेना और टीआरएस के नेता मौजूद थे, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई नहीं पहुंचा था। मीटिंग में मौजूद रहे एक नेता ने कहा, 'ममता बनर्जी से शरद पवार ने बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनके ऑफिस से जवाब आया कि वह एक मीटिंग में बिजी हैं। विपक्ष के नेताओं ने उनका करीब आधे घंटे तक इंतजार किया और उनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई संपर्क नहीं हो पाया।' बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती के दौरान टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा था कि उपराष्ट्रपति इलेक्शन की वोटिंग में टीएमसी हिस्सा नहीं लेगी।
अभिषेक ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा था, 'एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करने का सवाल ही नहीं उठता। लेकिन विपक्ष ने जिस तरह से बिना बात किए ही उम्मीदवार का ऐलान कर दिया और सदन में 35 सदस्यों वाली पार्टी से बात ही नहीं की, उस स्थिति में हमने मतदान प्रक्रिया से ही दूर रहने का फैसला लिया है।' यही नहीं अभिषेक ने दावा किया था कि हमने तीन से 4 नामों का प्रस्ताव दिया था और उन पर चर्चा चल ही रही थी। लेकिन टीएमसी के साथ बिना किसी बातचीत के ही उम्मीदवार का ऐलान कर दिया।
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