भारत
उपराष्ट्रपति बोले- स्थानीय भाषा में ही लिखे जाएं साइनबोर्ड
jantaserishta.com
5 April 2022 8:19 AM GMT
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नई दिल्ली: वे राज्य जहां की भाषा हिंदी नहीं है, वहां सरकारी बोर्ड पर हिंदी और अंग्रेजी में जानकारी लिखी होती है. ऐसे में उस राज्य के लोग हिंदी या अंग्रेजी पढ़ने में परेशानी का सामना करते हैं. लोगों को अपने क्षेत्र में साइन बोर्ड के जरिए सही जानकारी मिले, यह मामला मंगलवार को राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया गया. इसपर सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि देश के हर राज्य में सभी सरकारी साइनबोर्ड मातृभाषा यानी क्षेत्रीय भाषा में लिखे जाएं.
राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान, पश्चिम बंगाल से एआईटीसी सांसद सुखेन्दु शेखर रॉय ने कहा कि सरकारी साइनबोर्ड पर केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में ही जानकारी होती है, जो स्थानीय नागरिकों को समझ नहीं आती. बांगाल में आम जन बांग्ला समझते हैं. उन्होंने कहा कि हिंदी और अंग्रेजी भाषा से उन्हें कोई समस्या नहीं है, लेकिन मातृभाषा में ही अगर साइन बोर्ड होंगे, तो लोगों को समझने में आसानी होगी. उन्होंने मेट्रो ट्रेन का जिक्र भी किया, जहां बोर्ड पर केवल हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जानकारी लिखी होती है.
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि यह मुद्दा अकेले सुखेन्दु शेखर रॉय का नहीं है, बल्कि पूरे देश का है. इस मामले पर, हर राज्य में सभी सरकारी साइन बोर्ड (राज्य और केंद्र) पर पहले मातृभाषा या राज्य की भाषा का ही इस्तेमाल किया जाए, इसके बाद ही हिंदी या अंग्रेजी का इस्तेमाल किया जाए. तभी लोग समझ पाएंगे.
उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार संज्ञान ले और ध्यान दे कि सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दे दिए जाएं. यह नेशनल पॉलिसी होनी चाहिए, हम एक आजाद देश में रहते हैं. उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषा में साइनबोर्ड को अनिवार्य किया जाए.
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