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उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू: 'देश में डॉक्टरों-पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी मिशन मोड में दूर हो'
Deepa Sahu
25 Sep 2021 6:57 PM GMT
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उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू
नई दिल्ली. देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने आज स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रशिक्षित मानव संसाधनों की कमी को युद्ध स्तर पर दूर करने की अपील की. डब्ल्यूएचओ (WHO) के 1:1,000 के मानदंड के मुकाबले भारत में डॉक्टर जनसंख्या के 1:1,511 के निम्न अनुपात को देखते हुए देश के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज (Medical colleges) और अस्पताल स्थापित करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप अधिक मेडिकल कॉलेज बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.
देश में पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने मिशन मोड में नर्सों की जनसंख्या के अनुपात (डब्ल्यूएचओ के 1:300 के मानदंड की तुलना में भारत में 1:670) में सुधार लाने की अपील की. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी पर, उन्होंने गांवों में सेवा करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों को आकर्षित करने के लिए बेहतर प्रोत्साहन और अवसंरचना का निर्माण करने का सुझाव दिया.
नई दिल्ली के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (University College of Medical Sciences) के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति (Vice President) ने स्वतंत्रता के बाद से विभिन्न स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ कई ऐसी चुनौतियां भी थीं जिनके लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा एक समन्वित और ठोस दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्री प्रदान की. M. Venkaiah Naidu, Vice President, Narendra Modi, Medical colleges, University College of Medical Sciences, UCMS, Golden Jubilee Year, University of Delhi, COVID-19, coronavirus, Guru Teg Bahadur hospital, GTB Hospital,ICMR, Ayushman Bharat, Pradhan Mantri Digital Health Mission, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, मेडिकल कॉलेज , उपराष्ट्रपति, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईसीएमआर, आयुष्मान भारत, कोविड-19, प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन
राज्यों को स्वास्थ्य पर व्यय को 8 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाने की जरूरत
उपराष्ट्रपति नायडू ने जोर देकर कहा कि 'सभी के लिए स्वास्थ्य' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में पहला कदम स्वास्थ्य पर सार्वजनिक व्यय को बढ़ाना है. उन्होंने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं को संदर्भित किया, जिसमें कहा गया था कि राज्यों को 2022 तक स्वास्थ्य पर व्यय को अपने संबंधित बजट के 8 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ाना चाहिए और केंद्र तथा राज्यों के सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को एक प्रगतिशील तरीके से बढ़ाकर 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2.5 प्रतिशत तक करना चाहिए.
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने की अपील
उपराष्ट्रपति ने निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक अत्याधुनिक अस्पताल स्थापित करने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि चिकित्सा सलाह या परामर्श आम लोगों के लिए सुलभ और सस्ती होनी चाहिए.
स्वास्थ्य सेवा में पैरामेडिकल कर्मियों की 'महत्वपूर्ण भूमिका' की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि जो सेवा वे प्रदान करते हैं, उसका महत्व महामारी के दौरान सामने आया क्योंकि उन्होंने पिछले एक साल में अथक परिश्रम किया
UCMS दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्री प्रदान करते उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू. M. Venkaiah Naidu, Vice President, Narendra Modi, Medical colleges, University College of Medical Sciences, UCMS, Golden Jubilee Year, University of Delhi, COVID-19, coronavirus, Guru Teg Bahadur hospital, GTB Hospital,ICMR, Ayushman Bharat, Pradhan Mantri Digital Health Mission, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, मेडिकल कॉलेज , उपराष्ट्रपति, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईसीएमआर, आयुष्मान भारत, कोविड-19, प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन
UCMS दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्री प्रदान करते उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू.
उन्होंने कहा कि भारतीय नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ ने अपने कौशल, समर्पण और देखभाल करने वाले स्वभाव के साथ पिछले कई वर्षों में विश्व स्तर पर बड़ी प्रतिष्ठा और मांग अर्जित की है. उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता है कि हमारे युवाओं में जन्मजात कौशल का लाभ उठाकर और अधिक संबद्ध स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जाए और हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य में उन्हें एक बड़ी भूमिका सौंपी जाए.
सहायक स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने को 13,000 करोड़ आवंटित
सहायक स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए 13,000 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित करने की लिए 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त 15 लाख कार्यबल तैयार होने की उम्मीद है.
महिलाओं को भी सशक्त बना सकता है ई-स्वास्थ्य
स्वास्थ्य देखभाल में नवोन्मेषण की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि हाल के वर्षों में ई-स्वास्थ्य व्यापक रूप से सामने आया है और इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी की समस्या को दूर करने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच के साथ, स्वास्थ्य सेवा में हमारे मानव संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए ई-स्वास्थ्य भावी परिदृश्य है. उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि ई-स्वास्थ्य महिलाओं को भी सशक्त बना सकता है और मातृ स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर आवश्यक जागरूकता ला सकता है.
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UCMS दीक्षांत समारोह में मेडिकल छात्रों को डिग्री प्रदान करते उपराष्ट्रपति.
डिजिटल क्रांति के दौर से गुजरते भारत में स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लानी चाहिए
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा विभिन्न ई-स्वास्थ्य पहलों पर विचार करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें और लोकप्रिय बनाने तथा उनमें बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता पर बल दिया. नायडू ने जोर देकर कहा कि जब भारत डिजिटल क्रांति के दौर से गुजर रहा है, हमें इसका लाभ उठाना चाहिए और स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लानी चाहिए.
प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन शुरू करने की उम्मीद
डिजिटलीकृत स्वास्थ्य रिकॉर्ड के लाभों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा कुछ दिनों में प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (Pradhan Mantri Digital Health Mission) शुरू करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि यह कागजी कार्रवाई को खत्म करेगा, अस्पतालों में एक सहज अनुभव लाएगा और रोगों की निगरानी में सहायता करेगा.
'आयुष्मान भारत' योजना से अस्पतालों में भर्ती 2 करोड़ से अधिक को मिला लाभ
उपराष्ट्रपति ने स्वास्थ्य पर अत्यधिक खर्च पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के स्वास्थ्य व्यय निम्न आय वाले परिवारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं जिनके सामने गरीबी में धकेले जाने का जोखिम होता है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्रमुख योजना आयुष्मान भारत (Ayushman Bharat)ने कई गरीब परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए 'स्वास्थ्य आश्वासन' प्रदान किया है और अब तक अस्पतालों में भर्ती किए जाने के 2 करोड़ से अधिक मामलों को कवर किया है.
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उपराष्ट्रपति ने कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के अन्य कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई नि:स्वार्थ सेवा की भी सराहना की.
उन्होंने सभी पात्र लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण करने का आह्वान किया. उन्होंने इच्छा भी व्यक्त की कि नागरिक समूह स्थानीय सरकारों के साथ मिलकर लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने में हाथ बटाएं. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को अत्यधिक गंभीरता के साथ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. हम आत्मसंतुष्ट होकर तीसरी लहर को आमंत्रित नहीं कर सकते हैं.
दीक्षांत समारोहों के दौरान संकाय और अन्य लोगों द्वारा पारंपरिक वेशभूषा (रोब) की प्रथा का उल्लेख करते हुए नायडू ने इसे बंद कर दिए जाने की इच्छा जताई और ऐसे अवसरों पर सरल भारतीय पोशाक पहनने का सुझाव दिया. इस संदर्भ में उन्होंने शिक्षा प्रणाली का भारतीयकरण करने का भी आह्वान किया.
UCMS के दीक्षांत समारोह में फैकेल्टी मैंबर्स व अन्य के साथ ग्रुप फोटो कराते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू. M. Venkaiah Naidu, Vice President, Narendra Modi, Medical colleges, University College of Medical Sciences, UCMS, Golden Jubilee Year, University of Delhi, COVID-19, coronavirus, Guru Teg Bahadur hospital, GTB Hospital,ICMR, Ayushman Bharat, Pradhan Mantri Digital Health Mission, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, मेडिकल कॉलेज , उपराष्ट्रपति, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईसीएमआर, आयुष्मान भारत, कोविड-19, प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री डिजिटल स्वास्थ्य मिशन
UCMS के दीक्षांत समारोह में फैकेल्टी मैंबर्स व अन्य के साथ ग्रुप फोटो कराते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू.
नायडू ने कोविड-19 (COVID-19)के प्रबंधन के दौरान दोनों संस्थानों द्वारा दी गई महान सेवा के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (UCMS) और संबद्ध गुरु तेग बहादुर अस्पताल (Guru Teg Bahadur hospital) की सराहना की.
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय (University of Delhi) के कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर पी सी जोशी, आईसीएमआर (ICMR) के महानिदेशक प्रोफेसर बलराम भार्गव, दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के डीन प्रोफेसर बलराम पाणि और यूसीएमएस के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार जैन और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.
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