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शिवाजी पार्क में बने दिग्गज गायिका लता मंगेशकर का स्मारक, बीजेपी प्रवक्ता ने CM से की अपील

jantaserishta.com
7 Feb 2022 5:58 AM GMT
शिवाजी पार्क में बने दिग्गज गायिका लता मंगेशकर का स्मारक, बीजेपी प्रवक्ता ने CM से की अपील
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मुंबई: बीजेपी विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर यह मांग की है कि दिवंगत भारत रत्न, लता दीदी का अंतिम संस्कार जिस जगह पर हुआ है। उसी स्थान पर विश्व को प्रेरणा देने वाली स्मृति स्थली बनाई जाए। यह मांग सिर्फ मेरी नहीं बल्कि करोड़ों प्रशंसकों और संगीत प्रेमियों की है।

राम कदम अपने पत्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से यह मांग की है कि दिवंगत भारत रत्न, लता दीदी का अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया है। इसके चलते करोड़ों प्रशंसकों, संगीत प्रेमियों और लता दीदी के शुभचिंतकों की ओर से मेरा विनम्र अनुरोध है कि दिवंगत दीदी का एक स्मारक शिवाजी पार्क में उसी स्थान पर बनाया जाए। जहां वह पंचतत्व में विलीन हुई हैं। आपसे अनुरोध है कि जनता की इस मांग का सम्मान करते हुए स्मारक का निर्माण जल्द से जल्द करवाया जाना चाहिए। जिससे यह स्थल दुनिया के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन सके।
शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बाद लता मंगेशकर ऐसी दूसरी हस्ती बनीं, जिनका दादर स्थित शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार किया गया। बाल ठाकरे और लता के बीच पारिवारिक रिश्ता था। दोनों एक-दूसरे को बहुत सम्मान देते थे। लेकिन यह किसे पता था कि लता को भी उसी स्थान पर अंतिम विदाई दी जाएगी, जिस जगह पर 17 नवंबर 2012 में बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार हुआ था। शिवाजी पार्क में लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार उस जगह से थोड़ी ही दूरी पर हुआ, जहां बाल ठाकरे का हुआ था।
स्वरकोकिला लता मंगेशकर का रविवार को दादर स्थित शिवाजी पार्क में अंतिम संस्कार कर दिया गया। लता के अंतिम संस्कार में शिवाजी पार्क न आने के लिए बीएमसी ने लोगों से अपील की थी। वीवीआईपी मूवमेंट के कारण पुलिस की पुख्ता व्यवस्था थी। इसके कारण शिवाजी पार्क के गेट पर ही हजारों लोग खड़े रहे। इसके बावजूद लता के कई चाहनेवाले शिवाजी पार्क में पहुंच गए थे। वहां मौजूद हर कोई लता को अंतिम विदाई देना चाहता था।
नेता, अभिनेता और मंगेशकर परिवार जब लता को अंतिम विदाई दे रहे थे, उस दौरान लोग 'लता मंगेशकर अमर रहें, लता दीदी अमर रहें' के नारे लगते रहे। इस दौरान वहां लता का मशहूर गाना 'नाम गुम जाएगा, चेहरा ये बदल जाएगा, मेरी आवाज ही पहचान है, गर याद रहे' बीच-बीच में बज रहा था। लता को जब उनके भाई और भतीजे ने मुखाग्नि दी, उसके बाद वहां मौजूद लोग लौटने लगे, उस दौरान शिवाजी पार्क के बाहर खड़े आम लोग अंतिम संस्कार देखने के लिए दौड़ पड़े। लेकिन मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया।


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