देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की पहली भारी बारिश में जगह-जगह भूस्खलन की घटनांए हुईं। वहीं, केदारनाथ मार्ग पर बुधवार को भूस्खलन की चपेट में एक वाहन के आने से महाराष्ट्र की एक महिला की मौत हो गयी और पांच अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने प्रदेश के नैनीताल, बागेश्वर और पिथौरागढ जिले में भारी से बहुत भारी बारिश का 'रेड अलर्ट' जारी किया जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक की।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मानसून की अवधि में हर समय सतर्क रहने के निर्देश जारी करते हुए कहा कि आपदा की स्थिति में कार्रवाई करने का समय कम से कम होना चाहिए तथा राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू होने चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अगले तीन माह महत्वपूर्ण हैं और आपदा की चुनौतियों से निपटने के लिए जिलाधिकारी अधिकांश निर्णय अपने स्तर पर लें तथा उन्हीं समस्याओं को सरकार के स्तर पर भेजें जिनका समाधान जिलास्तर पर नहीं हो पा रहा है। धामी ने अगले तीन माह अधिकारियों की छुट्टी विशेष परिस्थिति में ही स्वीकृत करने के अलावा जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन के लिए दिए जा रहे धन का आपदा मानकों के हिसाब से अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने को कहा।
उन्होंने आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों में जेसीबी, सैटेलाइट फोन, खाद्य सामग्री एवं आवश्यक दवाओं की व्यवस्था रखे जाने के भी निर्देश दिए। रूद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग के समीप बुधवार को एक वाहन के भूस्खलन की चपेट में आने पर महाराष्ट्र की एक महिला की मृत्यु हो गयी जबकि पांच अन्य लोग घायल हो गए। रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा बुधवार दोपहर बाद तीन बजे के आसपास रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ जब मुनकटिया के समीप पहाडी से अचानक भूस्खलन होने से सोनप्रयाग- गौरीकुंड शटल सेवा में लगा वाहन उसकी चपेट में आ गया। दुर्घटना में वाहन सवार एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। सूचना मिलने पर पुलिस एवं राज्य आपदा प्रतिवादन बल के जवान मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।