दिल्ली। जुलाई महीने में शाकाहारी और मांसाहारी थाली की कीमतों में क्रमश: 11 फीसदी और 6 फीसदी की वृद्धि हुई है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। हालांकि, साल-दर-साल आधार पर जुलाई में घर पर पकाई गई शाकाहारी थाली की लागत में चार प्रतिशत की कमी आई, जबकि मांसाहारी थाली की लागत में नौ प्रतिशत की कमी आई। भारतीय रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार अनाज, दालें, ब्रायलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस की कीमतों ने थाली की लागत में बदलाव किया है।
शाकाहारी थाली (वेज थाली) की लागत में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इस वृद्धि में से सात प्रतिशत केवल टमाटर की कीमतों के कारण है। जून में एक किलो टमाटर की कीमत 42 रुपये थी, यह 55 प्रतिशत बढ़कर जुलाई में 66 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। आंकड़ों के अनुसार, इसका मुख्य कारण उच्च तापमान है, जिससे कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे प्रमुख राज्यों में ग्रीष्मकालीन फसल प्रभावित हुई है। इसके अलावा मई में कर्नाटक में छिटपुट बारिश की वजह से सफेद मक्खी का प्रकोप बढ़ गया, जिससे फसल उत्पादन पर असर पड़ा।
रिपोर्ट के अनुसार, "नॉन-वेज थाली की कीमत वेज थाली की तुलना में धीमी रफ्तार से बढ़ी है। इसका कारण यह है कि ब्रायलर की कीमत जो कुल लागत का 50 प्रतिशत से ज्यादा है, स्थिर रहने का अनुमान है।" क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, प्याज और आलू की कीमत में महीने-दर-महीने क्रमशः 20 प्रतिशत और 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे वेज थाली की कीमत और बढ़ गई है। पिछले वित्त वर्ष में टमाटर की कीमतों में 40 प्रतिशत की गिरावट के कारण साल-दर-साल वेज थाली की लागत में कमी आई थी।
जुलाई 2023 में कीमतें 110 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थीं। इसका कारण अचानक आई बाढ़ और कर्नाटक में कीटों के हमले थे, जिसके कारण उत्तरी राज्यों में आपूर्ति और उत्पादन प्रभावित हुआ था। रिपोर्ट में बताया गया है कि नॉन-वेज थाली के लिए लागत में साल-दर-साल कमी वित्त वर्ष 2024 के उच्च आधार पर ब्रायलर की कीमतों में अनुमानित 11 प्रतिशत की गिरावट के कारण हुई।