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बजट पर वसुंधरा राजे का बड़ा बयान- गहलोत सरकार की अधिकतर योजनाएं, हमारी नाम बदलकर परोसने का प्रयास

Deepa Sahu
24 Feb 2021 5:59 PM GMT
बजट पर वसुंधरा राजे का बड़ा बयान- गहलोत सरकार की अधिकतर योजनाएं, हमारी नाम बदलकर परोसने का प्रयास
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राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जो बजट पेश किया

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: जयपुर। राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जो बजट पेश किया उस पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने बड़ा सवाल उठाया है। वसुंधरा ने कहा है किकांग्रेस सरकार के इस बजट में सरकार के वादे तो दिखाई देते हैं, लेकिन इरादे नहीं। बजट में सरकार ने जिन प्रमुख योजनाओं की घोषणा की है, उनमें से अधिकतर हमारी भाजपा सरकार की हैं। जबकि कई योजनाएं तो ऐसी हैं जिनका नाम बदलकर जनता के सामने परोसने का प्रयास किया गया है।


पूर्व सीएम वसुंधरा ने ट्वीट करते हुये गहलोत की बजट घोषणाओं और योजनाओं का जिक्र करते हुये विस्तार से बताया है। उन्होंने लिखा है, 'इनकी स्वास्थ्य बीमा योजना - भामाशाह योजना व केन्द्र की आयुष्मान योजना का ही बदला हुआ स्वरूप है। हमने किसानों के बिजली बिल माफ किए। किसानों को समर्पित हमारी इस योजना को कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन अब भारी विरोध के चलते इसे पुनः बजट में शामिल करना पड़ा।'
वसुंधरा ने कहा है, 'जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तो केन्द्र सरकार की है, जिसे राज्य बजट में शामिल कर मुख्यमंत्री जी ने झूठी वाह-वाही लूटने का प्रयास किया है। जबकि हकीकत यह है कि पिछले बजट की 10% घोषणाओं पर भी इन्होंने काम नहीं किया है।' इसी तरह उन्होंने आगे लिखा है, 'भाजपा सरकार की 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली ERCP योजना व भामाशाह डेटा सेंटर की मुख्यमंत्री जी ने तारीफ की है। राजनीति से उपर उठकर योजनाओं की प्रशंसा करना अच्छी बात है, पर जनता को बताएं कि दो साल तक इन योजनाओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया?'

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में राहत पर भी सवाल
वसुंधरा ने लिखा है, यदि राज्य सरकार ने पहले ही इन पर ध्यान दिया होता तो समय पर जनता को ज्यादा लाभ मिल जाता। लोगों को यह भी उम्मीद थीं कि पेट्रोल-डीजल से VAT घटाकर सरकार जनता को राहत देगी, लेकिन अफसोस ! इस ओर भी राज्य सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। जनता को सरकार से उम्मीदें थीं कि किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी, बेरोजगारों के लिए विभिन्न भर्तियां तथा संविदाकर्मियों के लिए नई घोषणाएं की जाएंगी, पर ऐसा ना करके सरकार ने जता दिया है कि वादें है, वादों का क्या?


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