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वरुण गांधी का तंज, कहा- पहले प्रहार फिर विचार करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं
jantaserishta.com
18 Jun 2022 12:17 PM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी सरकार के ऊपर हमला बोला है। वरुण ने ताजा हमला अग्निपथ योजना में लगातार हो रहे बदलावों को लेकर बोला है। वरुण ने इसको लेकर ट्वीट किया है कि जिस तरह से इसमें कुछ घंटों के भीतर ही लगातार बदलाव किए गए हैं, उससे जाहिर होता है कि योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया। साथ ही उन्होंने सरकार की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाए हैं।
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया। इसके आगे वरुण सरकार की संवेदनशीलता पर सवाल उठाते हुए लिखते हैं कि जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो 'पहले प्रहार फिर विचार' करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं। वहीं 16 जून को वरुण गांधी ने अपने लेटर पैड पर लिखा एक पत्र जारी कर राजनाथ सिंह से अपील की थी। इस पत्र को ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि आदरणीय राजनाथ सिंह जी, 'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।
इससे पहले कल भी वरुण गांधी ने एक वीडियो मैसेज करके प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की थी। वरुण गांधी ने लिखा था कि सैन्य अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूँ। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि धैर्य से काम लें और 'लोकतांत्रिक मर्यादा' बनाए रखते हुए अपने ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुँचाये। 'सुरक्षित भविष्य' हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब वरुण गांधी अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर हुए हैं। इससे पहले किसान आंदोलन के समय भी वरुण ने केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठाई थी।
'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) June 18, 2022
जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो 'पहले प्रहार फिर विचार' करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं।
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