कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट (Delta Plus Variant) ने भारत समेत दुनियाभर में काफी तबाही मचाई है. अब एक नई स्टडी (New Study) सामने आई है, जिससे चिंताएं और बढ़ जाती हैं. दिल्ली स्थित एक अस्पताल की स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन (Vaccine) आठ गुना कम असरदार है. इसका मतलब यह है कि वुहान में मिले कोरोना के वैरिएंट की तुलना में कोविड टीका डेल्टा वैरिएंट पर टीका आठ गुना कम प्रभावी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा कोरोना वायरस के B.1.617.2 या डेल्टा वैरिएंट को पहले ही 'चिंता का एक रूप' करार दिया जा चुका है. स्टडी में दावा किया गया है, "भारत में डेल्टा वैरिएंट का प्रभुत्व पहले से संक्रमित व्यक्तियों में एंटीबॉडी को निष्क्रिय करने और वायरस की संक्रामकता में बढ़ोतरी से प्रेरित है. रिकवर हुए कोविड मरीजों में पाई जाने वाली एंटीबॉडीज के प्रति डेल्टा कम संवेदनशील है.
इस स्टडी को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में किया गया है. रिसर्च स्क्वायर की स्टडी में कहा गया कि रि-इंफेक्शन और बढ़ी हुई ट्रांसबिलिटी ने कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. गौरतलब है कि डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र में पिछले साल के अंत में पाया गया था, जिसके बाद यह भारत और फिर अन्य देशों तक फैल गया. इस समय ब्रिटेन-अमेरिका समेत कई देशों में डेल्टा वैरिएंट के चलते कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
इस स्टडी को अभी पीयर रिव्यू के लिए सब्मिट किया जाना बाकी है. स्टडी में कहा गया है कि वायरस के डेल्टा वैरिएंट ने स्पाइक प्रोटीन को बढ़ाया है. यह वायरस को फेफड़ों की कोशिकाओं को प्रभावित करता है. साथ ही वुहान स्ट्रेन की तुलना में अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है.