भारत
टीकाकरण: कई देशों में नेता-अफसर सबसे पहले टीका लगवाने के लिए कर रहे भ्रष्टाचार...दो राजकुमारियों ने लिया टीका
Deepa Sahu
12 March 2021 6:41 PM GMT
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दुनिया के कई देशों में जैसे-जैसे कोविड-19 रोधी टीकाकरण
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: दुनिया के कई देशों में जैसे-जैसे कोविड-19 रोधी टीकाकरण शुरू हो रहा है, कई देशों में सबसे पहले टीका लगवाने के लिए किए जा रहे भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। लेबनान, पेरू, अर्जेंटीना में तो इस हद तक रसूखदार और सत्ताधारियों ने भ्रष्टाचार किए कि जनता के आक्रोश के कारण अदालत को बीच में आना पड़ा और कई केंद्रीय मंत्रियों को इस्तीफा तक देना पड़ा। दूसरी ओर, महंगे हवाई टिकट पर दूसरे देशों में टीका लगवाने के विकल्प भी चोरीछुपे अपनाए जा रहे हैं।
लेबनान की सरकार प्राथमिकता के आधार पर अपने यहां 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को टीका दे रही है। पर कुछ सांसदों ने ही टीकाकरण केंद्रों पर जाकर लाइन में खड़े बुजुर्गों को पीछे करके टीका लगवा लिया। इस मामले में 80 साल के एक बुजुर्ग ने अदालत में याचिका लगाकर कहा कि सांसद ने उसकी जगह आकर टीका लगवा लिया।
लेबनान के सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय को कड़ी चेतावनी देकर उस बुजुर्ग को 48 घंटों के भीतर टीका लगवाने को कहा पर स्वास्थ्य मंत्री ने अदालत के आदेश को ही सुर्खियां बटोरने के मकसद वाला बताकर खारिज कर दिया। यह मामला अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाने के बाद यहां टीकाकरण में आर्थिक मदद दे रहे विश्व बैंक ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर नियम तोड़े गए तो वह आर्थिक मदद रोक देगा।
स्पेन की राजकुमारी ने दूसरे देश में टीका लिया
यहां की दो राजकुमारियों के कथित रूप से चुपचाप अबूधाबी जाकर टीका लगवाने का खुलासा होने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश पनपा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राजकुमारी ऐलेना और क्रिस्टीना ने पिछले महीने अबूधाबी में जाकर टीका लगवाया। दोनों राजकुमारियों की उम्र अभी 50 के आसपास है, ऐसे में वे स्पेन के उस प्राथमिकता वर्ग में नहीं आती जिसे अभी टीका दिया जा रहा है। यहां एक आर्मी जनरल के भी चोरी से टीका लगवाने का मामला सामने आया।
पेरू में टीकाकरण से पहले ही नेताओं ने डोज ली
पेरू में सैंकड़ों नेता व अफसरशाहों ने तब ही टीका लगवा लिया था, जब देश में आधिकारिक रूप से इसकी शुरूआत नहीं हुई थी। एक रिपोर्ट के जरिए इस बात का खुलासा होने के बाद देश में हंगामा मच गया। सरकार इतने दबाव में आ गई कि उसके विदेश मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देना पड़ा।
ब्राजील में जनजातीय समूहों से भेदभाव
यहां कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक जोखिम में आने वाले जनजातीय समूह काराओ जगुरीबारस इन दिनों सड़कों पर हैं। उनका कहना है कि सरकार के कर्मचारियों ने उनके समुदाय के एक व्यक्ति का टीकाकरण केंद्र पर फोटो खींचकर मीडिया में प्रसारित कर दिया ताकि यह संदेश जाए कि समुदाय को टीका मिला है जबकि उस व्यक्ति समेत समुदाय के किसी भी व्यक्ति को अभी तक टीका नहीं लगाया गया है। आरोप है कि ये टीके ओहदे वालों को दिए जा रहे हैं।
अमीरों के लिए वैक्सीन टूरिज्म शुरू
लंदन की एक ट्रैवल एजेंसी ने महंगे टिकट पर ऐसे लोगों को उन देशों में भेजने की स्कीम निकाली है जो टीका लगवाना चाहते हैं पर ब्रिटेन में अभी उनकी उम्र वालों को टीका नहीं मिल रहा। अमेरिका के न्यूयॉर्क प्रशासन ने भी माना कि इस तरह का तथाकथित वैक्सीन टूरिज्म शुरू हो गया है, जिसे रोकने के लिए हम कड़ी निगाह बनाए हुए हैं।
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