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कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन सबसे महत्वपूर्ण हथियार, दिल्ली सरकार ने कहा है, करीब 64 फीसदी मौतें टीका नहीं लगवाने वालों और रोग पीड़ितों की हुई
Apurva Srivastav
27 Jan 2022 6:57 PM GMT
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टीकाकरण को कोरोना वायरस के विरूद्ध सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक करार देते हुए सरकार ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना की वजह से करीब 64 फीसदी मौतें ऐसे लोगों के बीच बीच देखी गईं जिन्होंने टीका नहीं लिया था और अन्य गंभीर रोगों से ग्रस्त थे।
टीकाकरण को कोरोना वायरस के विरूद्ध सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक करार देते हुए सरकार ने कहा है कि दिल्ली में कोरोना की वजह से करीब 64 फीसदी मौतें ऐसे लोगों के बीच बीच देखी गईं जिन्होंने टीका नहीं लिया था और अन्य गंभीर रोगों से ग्रस्त थे। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डा. एस के सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिना टीका वाले एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग उच्च जोखिम समूह में आते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिल्ली के आंकड़े पर भी देखा जाए तो हमारे सामने जितनी मौतें हुई हैं उनमें 64 प्रतिशत उन लोगों के बीच हुई जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है और जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां हैं। इसलिए जिन लोगों ने टीका नहीं लगवाया और जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां हैं, वे ही उच्च जोखिम समूह में आते हैं।
'टीका नहीं लगवाने वालों पर संक्रमण का जोखिम'
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने टीकाकरण को कोरोना के विरुद्ध सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि बिना टीका वालों की तुलना में टीके मौत का जोखिम कम करने की क्षमता दर्शाते हैं। यह बिना टीका वाले लोगों की तुलना में टीका लगवा चुके लोगों में मृत्यु का खतरा काफी घटा देते हैं। भार्गव ने उन राज्यों से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की अपील की जहां टीकाकरण की दर कम है। उन्होंने कहा कि हम देश में 95 प्रतिशत पहली खुराक तक और वयस्कों के बीच 74 फीसद पूर्ण टीकाकरण तक पहुंच गये हैं लेकिन अब भी कुछ राज्य हैं जहां टीकाकरण निम्न है। इसलिए मैं उन राज्यों से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की अपील करना चाहूंगा क्योंकि यह यह उन सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक है।
महामारी में टीकाकरण एकमात्र हथियार
डा. भार्गव ने बताया कि देश में पर्याप्त टीके उपलब्ध हैं। जिन लोगों को अन्य गंभीर बीमारियां हैं उन्हें भीड़ से जरूर ही बचना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें संक्रमण न हो। वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि टीकाकरण से देश में मामले कम करने, अस्पतालों में भर्ती कम करने, मामलों की गंभीरता घटाने में मदद मिली। उन्होंने एक तुलना पेश करते हुए कहा कि भारत में दूसरी लहर के चरम के दौरान सात मई, 2021 को 4,14,188 नये मामले सामने आये थे (तब बस तीन फीसद को टीका लगा था) और 3679 मौतें हुई थीं जबकि 21 जनवरी, 2022 को कुल 3,47,254 मामले सामने आये और 435 मौतें हुईं।
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