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एसटीएफ ने छोटा राजन के करीबी को भारत-नेपाल बॉर्डर से किया गिरफ्तार

jantaserishta.com
18 Sep 2023 8:36 AM GMT
एसटीएफ ने छोटा राजन के करीबी को भारत-नेपाल बॉर्डर से किया गिरफ्तार
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देहरादून: उत्तराखंड में पुलिस इनामी अपराधियों के विरुद्ध "ऑपरेशन प्रहार" चला रही है। इसी क्रम में सोमवार सुबह सीओ एसटीएफ सुमित पांडे द्वारा गठित एसटीएफ टीम ने हल्द्वानी थाने के 25,000 रु के ईनामी गैंगस्टर दीपक सिसौदिया को भारत-नेपाल बॉर्डर पर बनबसा से गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार अपराधी वर्ष 2011 में मुंबई में हुए पत्रकार जेडे की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा था और पिछले वर्ष जनवरी माह में मुंबई की अमरावती सेन्ट्रल जेल से पैरोल पर छूटकर हल्द्वानी आया था। उसे मार्च में वापस जेल में जाना था, लेकिन अपराधी दीपक सिसौदिया पैरोल से फरार हो गया। इस पर मुंबई पुलिस ने उसके खिलाफ थाना हल्द्वानी में एक केस दर्ज करवाया था। एसएसपी नैनीताल ने उसपर 25,000 रु. का ईनाम घोषित किया था।
छोटा राजन गैंग से ताल्लुख रखने वाला इस इनामी अपराधी दीपक सिसोदिया की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखण्ड पिछले एक साल से प्रयास कर रही थी लेकिन दीपक सिसोदिया के नेपाल में छिपे होने के कारण उसकी गिरफ्तारी सम्भव नही हो पा रही थी। एसटीएफ को ऐसी गोपनीय सूचनाएँ मिल रही थी कि दीपक चोरी-छिपे हल्द्वानी आता है जिस पर टीम काम कर रही थी। रविवार देर रात टीम को पता चला कि दीपक सुबह- सुबह आने वाला है। इस पर टीम को बनबसा क्षेत्र में लगाया गया। सटीक मुखबिरी के अनुसार दीपक कार फोर्ड फियेस्टा से नेपाल से बनबसा पहुंचा जिसे टीम ने बनबसा रेलवे स्टेशन के पास से धर दबोचा।
उसे बनबसा से लाकर हल्द्वानी थाने में रखा गया है जहां से उसे बाद में मुंबई भेजा जाएगा। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल के मुताबिक, दीपक सिसोदिया को मुंबई की कोर्ट ने महाराष्ट्र के मशहूर खोजी पत्रकार जेडे की हत्या में शामिल होने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनायी थी। तब से वह महाराष्ट्र की अमरावती सेन्ट्रल जेल में बन्द था।
जनवरी 2022 को उसे 45 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। उसे पैरोल की अवधि मार्च में खत्म होने पर अमरावती जेल वापस जाना था, लेकिन वह फरार हो गया। दीपक सिसोदिया हल्द्वानी का रहने वाला है और यह जून 2011 में मुंबई में हुए अंग्रेजी सांध्य दैनिक अखबार मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार जेडे की हत्या में शामिल होने का दोषी पाया गया था। इसने अण्डरवर्ड डॉन छोटा राजन गैंग के शूटरों साथ इस हत्याकांड को अंजाम दिलाया था।
पिछले वर्ष में पैरोल से वापस न आकर वह नेपाल भाग गया था। तब से एसटीएफ इसके बारे में अपनी जानकारी एकत्रित कर रही थी और उन्हीं एकत्रित जानकारी के आधार पर सटीक योजना बनाकर इस अपराधी की गिरफ्तारी संभव हो पाई।
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