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विदेशी साइबर अपराधियों के खिलाफ देश में पहली बड़ी कार्रवाई

jantaserishta.com
26 Jun 2023 2:45 AM GMT
विदेशी साइबर अपराधियों के खिलाफ देश में पहली बड़ी कार्रवाई
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पार्सल भेजने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले 8 नाइजीरियन के खिलाफ कार्रवाई की है।
देहरादून; उत्तराखंड एसटीएफ और देहरादून साइबर क्राइम पुलिस द्वारा संयुक्त कार्रवाई करते हुए विदेशी साइबर अपराधियों के खिलाफ देश में पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए विदेशों से दिल्ली में पार्सल भेजने के नाम पर साइबर फ्रॉड करने वाले 8 नाइजीरियन के खिलाफ कार्रवाई की है।
एसटीएफ की इस कार्रवाई में 1 नाइजीरियन साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया गया, जबकि 7 अन्य अपराधियों को वैधानिक कार्रवाई का नोटिस जारी कर उन पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी की है। एसटीएफ के अनुसार यूनाईटेड किंगडम (लंदन) के नागरिकों का प्रतिरूपण कर कस्टम डिपार्टमेंट का अधिकारी बन देश के कोने-कोने में लोगों को
इन 8 नाइजीरियन साइबर अपराधियों द्वारा लंबे समय से ठगा जा चुका है। यही कारण रहा कि देश में पहली बार देहरादून साइबर पुलिस द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयासों से एविडेंस एकत्रित करते हुए न सिर्फ गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। बल्कि 1 नाइजीरियन अभियुक्त को गिरफ्तार कर अन्य 7 क्रिमिनलों नई दिल्ली के थाना मोहन गार्डन, गली नम्बर 7 विपिन गार्डन में पकड़ कर अग्रिम कानूनी कार्रवाई की गई है। वहीं दूसरी तरफ एसटीएफ अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड की भी तलाश में जुटी हैं।
अपराधिक इतिहास :
देहरादून साइबर क्राइम पुलिस के अनुसार, अभी तक की जांच विवेचना में बरामद हुए साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्तों का मुकद्दमा संख्या 28/21 सरायकेला- झारखंंड, साइबर शिकयतें रामानाथपुरम- तमिलनाडु, कोल्हापुर- महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में मिली हैं।
अपराध का तरीका :
देहरादून साइबर पुलिस के अनुसार इस गिरोह में नाइजीरियन साइबर अभियुक्तों द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पहले वर्चुअल नम्बर खरीदा जाता है। इसके बाद विभिन्न महिलाओं/पुरूषों के साथ अपने वर्चुअल नम्बर का प्रयोग कर स्वयं को यूनाईटेड किंगडम का नागरिक बताकर दोस्ती का जाल बुना जाता है। फिर दोस्ती के झांसे में आने वाले लोगों को यूनाईटेड किंगडम से काफी मंहगा पार्सल भेजने की बात कहकर उनको एयरपोर्ट के कस्टम डिपार्टमेण्ट से फ़र्जी फोन करवाकर उनके विरुद्ध विदेश से बिना टैक्स के अवैध तरीके से गिफ्ट मंगवाने के आरोप में
मुकदमा दर्ज करने की धमकी दी जाती है। इतना ही नहीं, इसके बाद जाल में फंसे व्यक्ति को कस्टम अधिकारी बनकर मुकदमेबाजी से बचने और मामला निपटाने के एवज में अलग-अलग टैक्स भुगतान के नाम पर विभिन्न बैंक खातों में पैसा डलवाकर ठगी की जाती है। इस बहुचर्चित पार्सल साइबर धोखाधड़ी में नाइजीरियन गिरोह के लोग कई तरह के मोबाइल हैंडसेट और सिम कार्ड का प्रयोग करते हैं।
पुलिस टीम में निरीक्षक देवेन्द्रन बियाल, उप निरीक्षक आशीष गुसाईं के साथ मुकेश चंद, नितिन रमोला, सोहन बडोनी और पवन पुंंडीर शामिल थेे।
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