देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के द्वारा आपदाओं के पूर्वानुमान, सम्भावित आपदाओं की चेतावनी, आपदा उपरान्त प्रभावित क्षेत्र का आंकलन व प्रभावितों को त्वरित व प्रभावी राहत पहुचाने के लिये वैज्ञानिक विधियों व उपलब्ध तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। प्राधिकरण द्वारा भूकम्प पूर्व चेतावनी तथा मौसम पूर्वानुमान को सुदृढ व प्रभावी बनाने के लिये निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं।
विगत कुछ दिनों से राज्य भर में हो रही भारी वर्षा के कारण विशेष रूप से हरिद्वार जनपद के कई क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न हुई है। प्रभावित क्षेत्र का सटीक आंकलन करने के लिये प्रायः प्राधिकरण के द्वारा सामान्य उपग्रहीय चित्रों (satellite images) का उपयोग किया जाता है, परन्तु विगत दिनों में क्षेत्र में बादल आच्छादित होने के कारण इन चित्रों का उपयोग कर पाना सम्भव नहीं था। अतः जल भराव से प्रभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिये प्राधिकरण के द्वारा Microwave Satellite Imagery का उपयोग किया गया।
Microwave Satellite data द्वारा Analysis कर Flood inundation Map तैयार किया गया, जो कि बादल और बारिश के दौरान भी पृथ्वी के चित्र ले सकता है। इसका उपयोग जल भराव तथा बाढ़ के संकट से निपटने के लिए किया जाता है। विशेष रूप से इससे वर्षात के समय जल भराव और बाढ़ की स्थिति का पता लगाया जाता है। उक्त data जनपद हरिद्वार को यथाआवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु उपलब्ध करवा दिया गया है जिससे उनको उपयुक्त समय पर योजना बनाने और समुचित कार्रवाई करने में मदद मिले तथा इसके सहयोग से जिला प्रशासन त्वरित रूप से प्रभावितों को मदद उपलब्ध करवा पाये ।
उक्त चित्रों का विश्लेषण करने पर पता चला कि जल भराव के कारण मुख्यतः लक्सर, नारसन, खानपुर ब्लॉक जल भराव से प्रभावित हुये हैं और इनमें से खानपुर सर्वाधिक प्रभावित हुआ है । विश्लेषण उपरान्त पाया गया कि चखेरी व झिंवरडेरी गांव जल भराव से सर्वाधिक प्रभावित हुये हैं तथा 12 अन्य गांवों (इदरीशपुर, डांटा जालापुर, भुवावाली, याहियापुर।