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उत्तराखंड आपदा: गौला नदी में समाई काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन, ये ट्रेनें रहेंगी निरस्त
Deepa Sahu
19 Oct 2021 6:07 PM GMT
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काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन का कुछ हिस्सा भू कटाव के चलते गौला नदी में समा गया।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन का कुछ हिस्सा भू कटाव के चलते गौला नदी में समा गया। इस कारण काठगोदाम स्टेशन को आने और जाने वाली ट्रेनों का संचालन बंद करना पड़ा है। लालकुआं रेलवे स्टेशन यार्ड पूरी तरह से जलमग्न हो गया। काशीपुर-लालकुआं रेलखंड पर बनी सुरक्षा दीवार के गिरने से भी रेल यातायात प्रभावित हुआ है।
काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन गौला नदी की तरफ है। भारी बारिश के कारण गौला का जलस्तर बढ़ गया। इससे सोमवार की रात करीब डेढ़ बजे शंटिंग लाइन वाले हिस्से में बारिश ने भारी कटाव किया। इससे शंटिंग लाइन के सौ मीटर से अधिक रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचा। शंटिंग लाइन का कुछ हिस्सा नदी में समा गया, बाकी हवा में झूल गया। सूचना मिलने पर रात को रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे और उच्चाधिकारियों को भी सूचना दी गई।
इसके बाद रेलवे ने काठगोदाम स्टेशन को आने वाले काठगोदाम- लखनऊ विशेष ट्रेन को इज्जतनगर स्टेशन, जैसलमेर-दिल्ली- काठगोदाम( रानीखेत एक्स.) को रुद्रपुर, हावड़ा- काठगोदाम( बाघ एक्सप्रेस) को रामपुर स्टेशन पर टर्मिनेट कर दिया गया।
ये ट्रेनें निरस्त रहेंगी
-काठगोदाम-देहरादून के बीच चलने वाली विशेष ट्रेन (04125)
-नई दिल्ली-काठगोदाम के बीच चलने वाली विशेष ट्रेन (02040)
-काठगोदाम-नई दिल्ली के मध्य चलने वाली विशेष ट्रेन (02039)
-काठगोदाम-देहरादून विशेष ट्रेन (02092)
-देहरादून-काठगोदाम विशेष ट्रेन (02091)
-काठगोदाम-दिल्ली विशेष ट्रेन (05036)
-रामनगर-दिल्ली विशेष ट्रेन (05356)
-दिल्ली-काठगोदाम विशेष ट्रेन (05035)
- दिल्ली-रामनगर विशेष ट्रेन (05355)
-काठगोदाम-मुरादाबाद-काठगोदाम (05331/05332)
- मुरादाबाद-काठगोदाम-मुरादाबाद (05363/05364)
- रामनगर-मुरादाबाद-रामनगर (05366/05334)
शॉर्ट टर्मीनेशन/शॉर्ट ओरिजनेशन
18 अक्तूबर को हावड़ा से काठगोदाम को चली विशेष ट्रेन(03019) की यात्रा को बरेली में समाप्त कर बुधवार को ट्रेन संख्या( 03020) के रूप में बरेली से हावड़ा के लिए रवाना की जाएगी। मंगलवार को जैसलमेर-काठगोदाम, जैसलमेर-रामनगर के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या (05013/05313) विशेष गाड़ी की यात्रा मुरादाबाद में समाप्त कर बुधवार को (05014/05314) के रूप में मुरादाबाद से रवाना किया जाएगा। मंगलवार को ही काठगोदाम-जम्मूतवी के बीच चलने वाली ट्रेन संख्या (04689) विशेष गाड़ी को परिवर्तित मार्ग वाया लालकुआं-बरेली-रामगंगा ब्रिज-मुरादाबाद के रास्ते चलाया गया।
बसों से भेजा गया यात्रियों को
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की रात काठगोदाम आने वाली दिल्ली-काठगोदाम विशेष ट्रेन (संपर्क क्रांति) को हल्दी रोड स्टेशन, जैसलेमेर दिल्ली-काठगोदाम विशेष ट्रेन को रुद्रपुर, काशीपुर-कासगंज विशेष ट्रेन को पंतनगर स्टेशन पर रोका गया था। इन ट्रेनों में करीब 1200 यात्री थे, जिन्हें बसों के माध्यम से भेजा गया।
हेल्पलाइन नंबर भी जारी
पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया कि रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए इज्जतनगर मंडल के मुख्य स्टेशनों का हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
काठगोदाम 9368702980
हल्द्वानी 9368702979
रुद्रपुर 9368702984
लालकुआं 9368702978
एक दशक पहले भी ट्रेनों संचालन हुआ था बंद
काठगोदाम रेलवे स्टेशन में गौला नदी के किनारे की तरफ शंटिंग लाइन स्थित है। सोमवार की देर रात नदी का जल स्तर बढ़ने से रेलवे ट्रैक की तरफ कटाव हुआ। करीब सौ मीटर तक रेलवे पटरी गौला नदी में समा गई। इसके चलते ट्रेनों का संचालन बंद करना पड़ा। यही स्थिति वर्ष 2011 में आई थी। गौला के तेज बहाव के कारण हल्द्वानी रेलवे स्टेशन का ट्रैक संख्या 3 को काफी नुकसान पहुंचा था। काफी दूर तक नदी ने कटाव किया था। इसके बाद रेलवे ने हल्द्वानी-काठगोदाम स्टेशन से ट्रेनों का संचालन बंद किया था। काठगोदाम से आने-जाने वाली ट्रेनों को लालकुआं रेलवे जंक्शन से संचालित किया गया। करीब डेढ़ महीने बाद स्थिति सामान्य हो सकी थी।
शंटिंग लाइन की अहमियत
रेलवे अधिकारियों के अनुसार ट्रेन संचालन में शंटिंग लाइन का अहम रोल होता है। इंजन को बदलने से लेकर रैक को पिट लाइन में ले जाने समेत अन्य कार्यों के लिए शंटिंग लाइन की जरूरत पड़ती है। काठगोदाम स्टेशन के शंटिंग लाइन को जो नुकसान पहुंचा है, उसके पूरी तरह ठीक होने में काफी समय लगने की बात कही जा रही है।
रेलवे अधिकारियों ने निरीक्षण किया
काठगोदाम रेलवे स्टेशन की शंटिंग लाइन कोनुकसान पहुंचने की सूचना के बाद खलबली मच गई। पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के अधिकारियों ने लाइन का निरीक्षण किया। निरीक्षण करने वालों में डीआरएम इंजीनियरिंग राजीव अग्रवाल, प्रवर मंडल इंजीनियर विकास कुमार सिंह, सहायक मंडल इंजीनियर भूपेंद्र सिंह धर्मसक्तू आदि शामिल थे।
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