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उत्तराखंड विधानसभा का 5 दिवसीय मानसून सत्र शुरू, यूकेडी और फार्मासिस्टों ने किया विधानसभा कूच

Deepa Sahu
23 Aug 2021 12:55 PM GMT
उत्तराखंड विधानसभा का 5 दिवसीय मानसून सत्र शुरू, यूकेडी और फार्मासिस्टों ने किया विधानसभा कूच
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उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है।

उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। पांच दिवसीय सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। सत्र के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर विधायकों के बैठने के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

मानसून सत्र के पहले दिन विश्व विख्यात पर्यावरणविद्, पदम विभूषण एवं चिपको आंदोलन के प्रणेता स्व. सुंदरलाल बहुगुणा को सदन की गैलरी में माननीय सदस्यों द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। सदन में प्रवेश करते वक्त उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री गणों एवं विधायकों द्वारा स्व. बहुगुणा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नेता प्रतिपक्ष रही स्व.इंदिरा हृदयेश, गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत, हरिद्वार के पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार, पूर्व शिक्षा मंत्री नरेंद्र भंडारी, पूर्व विधायक बच्ची सिंह रावत को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कल्याण सिंह के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, यतिश्वरानंद, बंशीधर भगत, अरविंद पांडे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, विधायक देशराज कर्णवाल, संजय गुप्ता, राजकुमार ठुकराल सहित अन्य ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
यूकेडी ने किया विधानसभा कूच
वहीं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यूकेडी के कार्यकर्ताओं ने विधानसभा कूच किया। इस दौरान विस घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रिस्पना पुल के पास लगे बैरिकेडिंग पर रोक लिया। जहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस में काफी नोक-झोंक हुई। दोपहर करीब एक बजे रिस्पना पुल के पास पहुंच उक्रांद के कार्यकताओं को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रोक दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग पर चढ़कर उसे पार करने की भी कोशिश। जिसके बाद नारेबाजी करते हुए उक्रांद के कार्यकर्ता सड़क पर ही बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि जल्द सरकार की ओर से हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उक्रांद के 50 हजार कार्यकर्ता उग्र आंदोलन करेंगे।

200 से अधिक फार्मासिस्टों को पुलिस ने हिरासत में लिया
नियुक्ति की मांग को लेकर सचिवालय कूच कर रहे बेरोजगार प्रशिक्षित एलोपैथिक फार्मासिस्ट संघ से जुड़े आंदोलनरत 200 से अधिक फार्मासिस्टों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस इन सभी फार्मेसिस्ट को लेकर पुलिस लाइन पहुंची। पिछले लगभग छह दिन से आंदोलनरत फार्मासिस्ट स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करने की मांग को लेकर अड़े हुए थे उनका कहना था कि अधिकारियों ने रविवार को स्वास्थ्य मंत्री आवास के घेराव के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि सोमवार को उनकी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से मुलाकात करा दी जाएगी। सोमवार दोपहर बाद फार्मासिस्टों ने परेड ग्राउंड से एस्लेहॉल होते हुए सचिवालय कूच किया। पुलिस ने सचिवालय से पहले ही सुभाष रोड पर उनको बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। जिससे आक्रोशित फार्मेसिस्ट वहीं धरने पर बैठ गए। इस बीच अपर सचिव स्वास्थ्य गरिमा रौंकली से प्रतिनधिमंडल की वार्ता हुई। अपर सचिव ने उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसे लेकर फार्मासिस्ट का प्रतिनिधि मंडल जब सुभाष रोड पहुंचा और इसकी जानकारी अन्य फार्मासिस्टों को भी लगी तो उन्होंने नारेबाजी और प्रदर्शन तेज कर दिया। वहीं, सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। जिससे आस-पास की सड़कों पर जाम की स्थिति बन गई। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन ले गई। प्रशिक्षित बेरोजगार एलोपैथिक फार्मासिस्ट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महादेव गौड़ और देहरादून के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र नौटियाल ने बताया कि सरकार की दमनकारी नीतियों के आगे प्रशिक्षित बेरोजगार फार्मासिस्ट किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं कर दी जाती तब तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।
विपक्ष सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा
2022 के चुनाव को देखते हुए विपक्ष सदन में सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। वहीं, सरकार ने भी विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले मुद्दों पर जवाब देने की रणनीति बनाई है। धामी का बतौर मुख्यमंत्री यह पहला विधानसभा सत्र है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री के रूप में बंशीधर भगत के ऊपर सदन में सरकार का पक्ष रखने की बड़ी जिम्मेदारी है। जबकि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद प्रीतम सिंह के लिए पहला सत्र है। पक्ष व विपक्ष सदन में नए अंदाज में नजर आएगा। माना जा रहा है कि वर्तमान सरकार का यह अंतिम सत्र है।
जिससे विपक्ष के पास देवस्थानम बोर्ड, कोविड जांच फर्जीवाड़ा, महंगाई, बेरोजगार, कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को लेकर सदन में सरकार की घेराबंदी करने का आखिर मौका है। जबकि सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने की तैयारी की है। सत्र के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों से 788 प्रश्न मिले हैं।
30 विधायक वीडियो कॉफ्रेंसिंग से जुड़े
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सदन में 40 विधायकों के बैठने की व्यवस्था की गई है। जबकि 30 विधायक प्रकाश पंत भवन के कक्ष संख्या 107 में बैठे हैं। जहां से वे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सदन की कार्यवाही में शामिल हो रहे हैं।
विधानसभा परिसर में होगी मीडिया को प्रवेश की अनुमति
सत्र की कवरेज करने के लिए मीडिया कर्मियों को विधानसभा परिसर में प्रवेश की अनुमति है। सदन में सभा मंडप और आसपास की गैलरी में प्रवेश पर पूर्व की भांति प्रतिबंध है। इस संबंध में विधानसभा के प्रभारी सचिव मुकेश सिंघल की ओर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। मीडिया कर्मियों के लिए प्रकाश पंत भवन के पार्किंग परिसर में वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था की गई। जहां पर सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की सुविधा है।
आज होगी कार्यमंत्रणा की बैठक
पांच दिवसीय विधानसभा सत्र में आगे के दिवसों में कार्य संचालन के लिए सोमवार को दोबारा से कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। जिसमें सदन की कार्यवाही के लिए एजेंडा तय किया जाएगा।
प्रदेश और जनहित के कई ऐसे विषय हैं, जिन पर प्रदेश की जनता सत्र के दौरान सदन से गंभीर चिंतन-मनन की अपेक्षा रखती है। प्रदेश का हर व्यक्ति चाहता है कि सदन के माध्यम से उनकी आशाएं व अपेक्षाएं सरकार तक पहुंचें। सदन सुचारू रूप से संचालित करने में पक्ष और विपक्ष सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करेंगे। उनका प्रयास रहेगा कि सरकार और प्रतिपक्ष के बीच मुद्दों पर सार्थक व सकारात्मक चर्चा हो।
-प्रेमचंद अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष
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