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भारत के दौरे पर आएंगे अमेरिका की रक्षा मंत्री आस्टिन, द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर राजनाथ सिंह के साथ होगी अहम वार्ता
Apurva Srivastav
6 March 2021 5:08 PM GMT
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अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद जो बाइडन प्रशासन के तकरीबन सभी वरिष्ठ मंत्रियों का अपने भारतीय समकक्षों से टेलीफोन पर संपर्क हो चुका है,
अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद जो बाइडन प्रशासन के तकरीबन सभी वरिष्ठ मंत्रियों का अपने भारतीय समकक्षों से टेलीफोन पर संपर्क हो चुका है, लेकिन अब व्यक्तिगत तौर पर दौरों की शुरुआत होने के संकेत हैं। इस क्रम में अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन इसी महीने भारत की यात्रा पर आएंगे। दरअसल, आस्टिन हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अपने सभी सहयोगी देशों के दौरे पर निकलने वाले हैं। इसके तहत वह भारत भी आएंगे।
आस्टिन की राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर होगी अहम वार्ता
आस्टिन की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के अलावा द्विपक्षीय रक्षा मुद्दों पर भी अहम बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच ट्रंप प्रशासन के कार्यकाल से कई रक्षा सौदों पर बातचीत चल रही है, जिन्हें अब नए सिरे से आगे बढ़ाए जाने के संकेत हैं।
भारत के दौरे पर आने वाले आस्टिन बाइडन प्रशासन के होंगे पहले कैबिनेट मंत्री
आस्टिन नए अमेरिकी प्रशासन के पहले कैबिनेट मंत्री होंगे, जो भारत के दौरे पर आएंगे। जानकारों के मुताबिक, आस्टिन की यह यात्रा अमेरिका की तरफ से यह दिखाने की कोशिश है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर नई सरकार की नीति पूर्व सरकार से अलग नहीं है, बल्कि इस क्षेत्र के गठबंधन पर पहले से भी ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
क्वाड संगठन की वर्चुअल बैठक 12 मार्च से 18 मार्च के बीच संभव
बहुत संभव है कि आस्टिन की भारत यात्रा से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, पीएम नरेंद्र मोदी, जापान के पीएम योशिहिदे सुगा और आस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरीसन की क्वाड संगठन के तहत वर्चुअल बैठक हो जाए। यह बैठक 12 मार्च से 18 मार्च के बीच होने की संभावना है। चारों देशों के अधिकारियों के बीच संपर्क बना हुआ है।
भारत-अमेरिका संबंधों में रक्षा सौदों की अहम भूमिका
भारत और अमेरिका के रिश्तों को पिछले एक दशक में मजबूत बनाने में रक्षा सौदों का अहम योगदान है। वर्ष 2008 तक भारत अमेरिका से बहुत ही कम रक्षा उपकरण आदि खरीदता था। लेकिन उसके बाद से इसमें तेजी से वृद्धि हुई है। वर्ष 2008 से 2020 के बीच भारत अमेरिका से 21 अरब डॉलर के रक्षा उपकरणों की खरीद कर चुका है और अभी दोनों देशों के बीच 20 अरब डॉलर के रक्षा सौदों पर बातचीत हो रही है।
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